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युवक ने कम पैसों में शुरू किया कारोबार, आज बन गया आत्मनिर्भर

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आगरा, उत्तर प्रदेश

आत्मनिर्भर बनने की चाहत और परिवार के सहयोग से किस तरह छोटे कदम बड़ा बदलाव ला सकते हैं, इसकी जीवंत मिसाल बने हैं रोहित शाह। दिल्ली से रोजगार की तलाश में आगरा आए रोहित ने बड़ी पूंजी न होने के बावजूद हार नहीं मानी। उन्होंने दार्जलिंग मोमोज का छोटा सा स्टॉल शुरू किया और आज न केवल खुद आत्मनिर्भर बने हैं बल्कि अपने परिवार सहित कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं। रोहित ने शुरुआत में केवल कुछ पैसे लगाकर मोमोज का काम शुरू किया। उनका सपना था कि वे एक बड़ा रेस्टोरेंट खोलें, लेकिन पर्याप्त पूंजी न होने के कारण उन्होंने छोटे स्तर से शुरुआत की। उन्होंने कहा, 'अगर स्वाद अच्छा हो तो दूर-दूर से लोग आएंगे, और कोई भी इसे शुरू कर सकता है।' यह संदेश हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो संसाधनों की कमी के बावजूद अपने पैरों पर खड़ा होना चाहता है। रोहित बताते हैं कि उनकी आत्मनिर्भरता का असली आधार परिवार का साथ रहा। पत्नी, माता-पिता और भाई सब मिलकर मोमोज तैयार करते हैं। दिनभर की मेहनत के बाद शाम को स्टॉल लगाकर व्यापार करते हैं। रोहित के शब्दों में 'परिवार ही मेरी मेन पॉवर है, इनके बिना यह संभव नहीं था।' यह बताता है कि आत्मनिर्भर बनने के लिए सिर्फ पैसा नहीं, साथ और विश्वास भी उतना ही जरूरी है। आज रोहित का व्यापार केवल उनकी आजीविका नहीं, बल्कि दूसरों के लिए भी रोजगार का साधन बन गया है। वे लोगों को कम लागत से व्यापार शुरू करने की सलाह देते हैं। उन्होंने कहा कि मेन पॉवर यानी परिवार का सहयोग हो तो कोई भी व्यक्ति घर बैठे ही अपना काम शुरू कर सकता है और आर्थिक रूप से सक्षम बन सकता है। रोहित का उदाहरण बताता है कि आत्मनिर्भर बनने के लिए बड़े निवेश की जरूरत नहीं होती। यदि आपके पास कौशल है, परिवार का साथ है और काम के प्रति लगन है तो आप भी अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं। छोटे से प्रयास से शुरू हुआ यह सफर आज लाखों की कमाई और सम्मान का स्रोत बन चुका है। आत्मनिर्भर बनने के लिए बड़े सपने जरूरी हैं, लेकिन छोटी शुरुआत भी पर्याप्त है। परिवार का सहयोग आर्थिक से अधिक मानसिक सहारा देता है। कौशल, ईमानदारी और स्वाद ही व्यवसाय को सफल बनाते हैं।