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Ayodhya : दीपोत्सव में दो लाख दीयों से जगमग होगा श्री राममन्दिर

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अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव के अवसर पर इस बार राममन्दिर को लगभग दो लाख दीयों से जगमग किया जाएगा। हर साल की तरह इस साल भी अयोध्या में भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पूरे शहर को दीयों से सजाया जाता है। यह आयोजन भगवान राम के अयोध्या वापस लौटने की खुशी में किया जाता है, और इस बार यह आयोजन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि राममन्दिर का निर्माण तेजी से हो रहा है।

दीपोत्सव के दौरान सरयू नदी के घाटों पर भी लाखों दिए जलाए जाते हैं, और यह नजारा देखने के लिए देशभर से हजारों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचते हैं। इस आयोजन के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम, रामलीला का मंचन और अन्य धार्मिक गतिविधियाँ भी होती हैं। राममन्दिर और अयोध्या की इस भव्य सजावट को लेकर श्रद्धालुओं में बहुत उत्साह है, और सरकार और स्थानीय प्रशासन भी इस आयोजन को भव्य और सुरक्षित बनाने के लिए तैयारियों में जुटे हैं।

अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन हर साल कार्तिक मास की अमावस्या के दिन होता है, जो भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटने की खुशी में मनाया जाता है। इस साल दीपोत्सव 2024 के आयोजन को खास बनाने के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन ने भव्य तैयारियाँ की हैं। सबसे प्रमुख आकर्षण राममन्दिर होगा, जिसे करीब दो लाख दीयों से सजाया जाएगा, जिससे यह अद्भुत रूप से जगमग होगा।


राममन्दिर में विशेष सजावट:

इस बार का दीपोत्सव ऐतिहासिक होने जा रहा है, क्योंकि राममंदिर के निर्माण के बाद यह पहला मौका है जब इसे इतने बड़े स्तर पर सजाया जा रहा है। मंदिर के चारों ओर दीयों की पंक्तियां लगाई जाएंगी और विशेष प्रकार की रोशनी व्यवस्था की गई है, जिससे मंदिर एक अद्भुत आभा में डूब जाएगा। इसके साथ ही, मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार और आसपास के इलाकों को भी भव्य रूप से सजाया जाएगा।


सरयू नदी पर दीपदान:

सरयू नदी के तट पर लाखों श्रद्धालु एकत्रित होते हैं और वहां दीयों को जलाकर दीपदान करते हैं। नदी के घाटों को भी दीपों से सजाया जाता है, जिससे पूरी सरयू नदी का क्षेत्र सुनहरे प्रकाश से जगमगाने लगता है। घाटों पर दीयों का यह नजारा अद्भुत होता है और श्रद्धालु इसे देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रम:

दीपोत्सव के दौरान धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी भव्य व्यवस्था की जाती है। रामलीला का मंचन सबसे प्रमुख होता है, जहां भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के वनवास से लौटने की कथा का अभिनय किया जाता है। इसके अलावा, सांस्कृतिक झांकियाँ, नृत्य-नाट्य कार्यक्रम, और विशेष आकर्षण के रूप में आतिशबाजी भी होती है।

प्रधानमंत्री और प्रमुख नेताओं की उपस्थिति:

इस वर्ष दीपोत्सव में कई प्रमुख नेताओं और हस्तियों की उपस्थिति की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी इस अवसर पर अयोध्या आने की उम्मीद है। उनके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दीपोत्सव के आयोजन का निरीक्षण कर रहे हैं।

सुरक्षा और व्यवस्थाएँ:

इतने बड़े आयोजन को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं। लाखों श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना को देखते हुए जगह-जगह पर सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं और यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए विशेष मार्ग निर्देशन किया गया है। साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं की भी उचित व्यवस्था की गई है ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके।

अयोध्या की दीपोत्सव में महत्ता:

अयोध्या का दीपोत्सव अब केवल धार्मिक आयोजन नहीं रह गया है, बल्कि यह देशभर में अपनी पहचान बना चुका है। हर साल यह आयोजन और भव्य होता जा रहा है, जिससे अयोध्या विश्व के प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों में गिना जाने लगा है।

इस बार दो लाख दीयों से राममन्दिर और अयोध्या को सजाने का संकल्प अयोध्या की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को और भी बढ़ाने वाला है, और यह आयोजन दुनिया भर के श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बनेगा।