बलरामपुर
मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय में हिंदी के नवाचार पर संगोष्ठी, बच्चों को सनातन संस्कृति से जोड़ने की पहल
मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय में ‘हिंदी के अकादमिक नवाचार’ विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजित हुई। यह कार्यक्रम श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज, गोंडा के सहयोग से हुआ।कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने की। उन्होंने घोषणा की कि हिंदी पाठ्यक्रम में महात्मा बनादास को सम्मिलित किया जाएगा, ताकि नई पीढ़ी को उनके विचारों और संस्कृति से जोड़ा जा सके। साथ ही, महात्मा बनादास पीठ की स्थापना का प्रस्ताव भी रखा गया, जिसे सभी का समर्थन मिला। हिंदी अध्ययन बोर्ड के संयोजक प्रो. शैलेंद्र नाथ मिश्र ने नए पाठ्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसमें कौशल विकास, भारतीय ज्ञान परंपरा, और डिजिटल हिंदी जैसे विषय शामिल किए गए हैं। पाठ्यक्रम में हनुमान चालीसा और शक्ति साहित्य जैसे सनातन संस्कृति से जुड़े विषय भी जोड़े गए हैं।
इसके अलावा, संपादन, भाषण, और घोषणा जैसी व्यावहारिक विधाएं शामिल की गई हैं, ताकि छात्रों को न केवल भाषा में दक्षता मिले, बल्कि वे व्यवहारिक रूप से भी मजबूत बनें। यह नया पाठ्यक्रम छात्रों को भारतीय संस्कृति, परंपरा और साहित्यिक चेतना से रूबरू कराएगा, जिससे उनमें राष्ट्रप्रेम और सांस्कृतिक आत्मबोध विकसित होगा।