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छह अवैध मदरसों की फंडिंग की जांच करेगा ATS

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हाथरस।
- मामला उत्तर प्रदेश के हादरथ  क्षेत्र का 

- कुछ विदेशी स्रोतों से आर्थिक फंडिंग जुटाने का मिला सुराग


उत्तर प्रदेश में एंटी-टेररिज्म स्क्वाड (एटीएस) ने राज्य में चल रहे कुछ गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों की फंडिंग और गतिविधियों की जांच करने का निर्णय लिया है। इसमें छह प्रमुख मदरसों को चुना गया है, जिनकी विदेशी और घरेलू फंडिंग के स्रोतों पर गहनता से नज़र रखी जा रही है। एटीएस यह देखेगा कि क्या इन मदरसों की गतिविधियों और उनके फंड्स के स्रोतों में कोई संदिग्ध बात है या नहीं। यह मामला उत्तर प्रदेश के हादरथ  क्षेत्र का है।


जांच का कारण

मदरसों के बारे में कई बार ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई हैं जिनमें उनकी फंडिंग पर सवाल उठाए गए हैं। एटीएस की इस कार्रवाई के पीछे का कारण यह है कि पिछले कुछ समय से कई मदरसों में शिक्षा के अलावा कुछ संदिग्ध गतिविधियों की खबरें आई हैं। ऐसी चिंताएं भी हैं कि कुछ विदेशी स्रोतों द्वारा मिली आर्थिक सहायता का उपयोग धार्मिक कट्टरता फैलाने या फिर राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है।

एटीएस की तैयारी

एटीएस ने इस जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है, जो इन मदरसों से संबंधित दस्तावेज़ों और वित्तीय ट्रांजेक्शनों का अध्ययन करेगी। यह टीम इन मदरसों के खातों और फंडिंग के तरीकों को गहराई से देखेगी। इसके अलावा, यह भी देखा जाएगा कि क्या इन मदरसों को विदेशी संगठनों से सीधे आर्थिक सहायता मिल रही है और अगर हाँ, तो क्या इन स्रोतों के कोई छिपे हुए एजेंडे हैं।  


संभावित कार्रवाई

अगर एटीएस की जांच में कोई भी अनियमितता या कानून का उल्लंघन पाया जाता है, तो उन मदरसों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। उन्हें आर्थिक सहायता देने वाले स्रोतों पर भी कड़ी निगरानी रखी जा सकती है और हो सकता है कि कुछ विदेशी संगठनों पर प्रतिबंध भी लगाया जाए। 

मदरसों पर राज्य सरकार का रुख

उत्तर प्रदेश सरकार का रुख इस विषय पर सख्त दिखाई दे रहा है। राज्य सरकार पहले से ही राज्य में चलने वाले सभी धार्मिक और शैक्षणिक संस्थानों की नियमित जाँच कर रही है, ताकि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। एटीएस का यह कदम इस बात को सुनिश्चित करने की दिशा में है कि कोई भी शैक्षिक संस्थान देश की सुरक्षा के लिए खतरा न बने।