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जूना अखाड़े में संतों का आक्रोश, कहा सनातन खतरे में

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-  सद्बुद्धि यज्ञ कर जताई नाराजगी

हरिद्वार। हरिद्वार के जूना अखाड़े में आयोजित धर्म संसद के दौरान संतों ने प्रशासन पर जमकर आक्रोश व्यक्त किया और उन्हें सद्बुद्धि प्रदान करने के लिए मां बगलामुखी का हवन किया। इस धर्म संसद में डॉ. उदिता त्यागी, अयोध्या की हनुमानगढ़ी के संत राजू दास और संत कालीचरण समेत कई प्रमुख संतों ने भाग लिया।

संतों का कहना था कि सनातन धर्म खतरे में है और इसकी रक्षा के लिए आवाज उठाना अब अपराध बन चुका है। अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने अधिकारियों की आलोचना करते हुए इसे सनातन धर्म का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि जूना अखाड़े में घुसकर धर्म संसद को उजाड़ना सनातन धर्म के खिलाफ एक बड़ा अपमान है, और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस घटना का संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।

संत कालीचरण ने भी धर्मगुरुओं पर नाराजगी जताते हुए कहा कि दुख की बात है कि आज के धर्मगुरु अपनी शक्ति भूल चुके हैं और खुद को राजनेताओं के सामने नतमस्तक कर रहे हैं। उनका मानना था कि सनातन धर्म का अस्तित्व तभी बच सकता है जब धर्मगुरु राजसत्ता का मार्गदर्शन करें, न कि उसके अनुगामी बनें।

धर्म संसद में कई प्रमुख संतों ने भाग लिया, जिनमें श्रीमहंत महाकाल गिरी, श्रीमहंत सत्यानंद गिरी, साध्वी आस्था मां, आचार्य मानव, साध्वी निर्मला, यति परमात्मानंद गिरी और अन्य प्रमुख संत शामिल थे। धर्म संसद में संतों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए सनातन धर्म की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने की बात कही।