अयोध्या. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की एक दिवसीय बैठक न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी महाराज की अध्यक्षता में मणिराम दास छावनी में संपन्न हुई. बैठक में महासचिव चम्पत राय, निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी जी महाराज, सदस्यों में जगद्गुरु विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज, महंत दीनेंद्र दास जी, विमलेंद्र मोहन मिश्र, अनिल मिश्र, केंद्रीय गृह सचिव प्रशांत लोखंडे, जिलाधिकारी नितिश कुमार, विशेष आमंत्रित महंत कमलनयन दास जी उपस्थित रहे.
बैठक में मुख्य रूप से रामनवमी की तैयारियों को लेकर चर्चा हुई. न्यास के महासचिव चम्पत राय ने बताया कि रामनवमी के अवसर पर 15 से 17 अप्रैल तक मंदिर 20 घंटे खोला जाएगा. श्रीरामलला के राग-भोग व श्रृंगार के समय को छोड़कर शेष समय मंदिर खुला रहेगा. अयोध्या धाम सहित शहर के बाजारों में 100 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन के माध्यम से श्रीराम जन्मोत्सव का लाइव प्रसारण प्रसार भारती के माध्यम से किया जाएगा.
श्रीरामलला के सुबह, दोपहर व रात में होने वाले राग-भोग व श्रृंगार में तीन से चार घंटे लगते हैं. इस समय को छोड़कर मंदिर भक्तों के लिए खुला रहे इस पर चर्चा हुई है. संतों ने कहा कि रामलला का जन्मदिन है तो उन्हें कुछ परेशानी तो झेलनी ही पड़ेगी.
उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे बिना मोबाइल फोन के दर्शन करने आएं. जूता-चप्पल व सामान भी अलग रखकर आएं. इससे न सिर्फ आसानी से दर्शन होंगे, बल्कि समय भी कम लगेगा. राम जन्मभूमि पथ से लेकर परिसर तक 50 स्थानों पर श्रद्धालुओं के लिए पेयजल की व्यवस्था की जाएगी. दर्शनपथ पर बैठने की भी व्यवस्था की जा रही है. मार्ग में कारपेट बिछाई जाएगी. छाया के लिए जर्मन हैंगर लगाए जा रहे हैं. श्रद्धालु डायरिया से बच सकें, इसलिए ओआरएस का घोल भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहेगा. ऐसी जगह का चयन किया जा रहा जहां सभी श्रद्धालुओं को आसानी से प्रसाद भी दिया जा सके.
उन्होंने रामभक्तों से आग्रह किया कि अपने घरों, स्थानों, मंदिरों पर राम जन्मोत्सव का लाइव प्रसारण देखें. अपने गांव, मोहल्ले में उत्साहपूर्वक जन्मोत्सव मनाएं. अयोध्या में अत्यधिक दर्शनार्थियों और श्रद्धालुओं को संभालना प्रशासन के लिए मुश्किल भरा काम है, यह स्वयं दर्शनार्थियों के लिए परेशानी ना बन जाए. दर्शन करने वालों को कष्ट ना हो, इसलिए इस सुझाव की बात सामने आई.
रामदरबार को लेकर चर्चा
राममंदिर के प्रथम तल पर बनने वाले रामदरबार को लेकर भी चर्चा की गई है. राजा राम के दरबार का स्वरूप क्या होगा, इस पर मंथन शुरू हो गया है. इसके डिजाइन के लिए किसका चयन किया जाए, इसको लेकर कई सुझाव आए हैं. रामनवमी के बाद होने वाली बैठक में इस पर चर्चा आगे होगी.