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Bridging South – ‘कटिंग साउथ’ के झूठे प्रचार का मुकाबला करने के लिए प्रज्ञा प्रवाह का अभियान

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नई दिल्ली. प्रज्ञा प्रवाह 12 दिसंबर से ‘ब्रिजिंग साउथ’ नामक एक अभियान शुरू करेगा. यह अभियान केरल और चेन्नई में एक समूह की ओर से ‘कटिंग साउथ’ कार्यक्रम और झूठे प्रचार को रोकने के लिए शुरू किया जाएगा. प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य जे. नंदकुमार ने बताया कि ब्रिजिंग साउथ का उद्घाटन 12 दिसंबर को दिल्ली में होगा.

उन्होंने कहा, उत्तर से दक्षिण तक भारत एक है, वेदों में कहा गया है कि समुद्र तक भारत एक है. हम सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से एक हैं. लेकिन हाल ही में कुछ विभाजनकारी मानसिकता वाले तत्वों ने भारत को विभाजित करने का प्रयास किया है. कुछ संगठन भारत को विभाजित करने वाले संदेश देने का अभियान चलाए हुए हैं. हम अपने अभियान से इस मानसिकता और अभियान का मुकाबला करेंगे.

कुछ राजनीतिक दलों और तथाकथित बुद्धिजीवियों ने ‘कटिंग साउथ’ अभियान भारत को विभाजित करने के मकसद से शुरू किया है और आम लोगों को इसका संदेश देने का प्रयास कर रहे हैं. जब इस वर्ग से पूछा गया कि इस तरह का विषय क्यों चुना तो उनका अजीब तर्क है कि इसे उत्तर और दक्षिण के वैश्विक विभाजन की पृष्ठभूमि पर शुरू किया है. केरल में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन केरल के मुख्यमंत्री ने किया था.

एक अन्य प्रतिनिधि जिसे आमंत्रित किया गया था वह भी दक्षिण भारत तक ही सीमित था. तो इसका क्या अर्थ निकलता है? स्पष्ट है इसका वैश्विक दक्षिण-उत्तर विभाजन के अंतरराष्ट्रीय एजेंडे से कोई लेना-देना नहीं है. यह निश्चित रूप से आम लोगों में एक विभाजनकारी संदेश देने के लिए है.

नंदकुमार ने बताया कि हम दक्षिण में विभिन्न शहरों में ‘ब्रिजिंग साउथ’ के कार्यक्रम करेंगे. ‘ब्रिजिंग साउथ’ के बाद हम भारत के अन्य हिस्सों के लिए ‘ब्रिजिंग नॉर्थ-ईस्ट’ जैसे समान कार्यक्रमों की योजना बनाएंगे.