11 वीं में पढ़ने वाली सिमर अपने हाथों से साबुन, फेसवाश इत्यादि बनाती हैं और उसे बेचकर जो भी कमाई होती है उसे वे
दान कर देती हैं। सिमर दूसरों को निशुल्क साबुन
बनाने का प्रशिक्षण भी देती हैं। सिमर
बताती हैं कि कोरोना काल में उनके पहचान के एक व्यक्ति के ऊपर एसिड अटैक हुआ था। तब
पीड़ित की परेशानी और पीड़ा को देखकर उन्होंने इस अभियान की शुरुआत की थी। सीमात का
कहना है कि “जब हमारे पहचान के व्यक्ति पर एसिड अटैक हुआ तो उन्होंने मुझसे पूछा
कि हम फेस पर क्या लगा सकते है, जिससे कोई साइड इफेक्ट न हो? तब मैंने नेचुरल साबुन, फेसवाश इत्यादि बनाया और उनको इसे इस्तेमाल करने के लिए दिया. जब इसके
अच्छे परिणाम आये तो मैंने आगे काम शुरू किया”। सिमर ने वर्ष 2021 से यह काम करना शुरू किया
था और वे हर माह 15 से 20 हजार रुपये का सामान बेचती हैं जिसे
वे एसिड अटैक सर्वाइवर को दान कर देती है। स्कूल से आने के बाद बना घर नेइन ही साबुन, फेसवाश बनाकर उसे ऑनलाइन ऑनलाइन बेचती है। उनके उत्पादों का मूल्य 20 रुपये, और उससे अधिक तक है।
मुख्य समाचार
11वीं की छात्रा सिमर साबुन और फेसवाश बेचकर करती हैं ऐसिड अटेक सरवाईवरस् की सहायता
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