फिरोजाबाद,यूपी
समाज की नींव परिवार से बनती है। जब परिवार दृढ़ होते हैं, तभी समाज भी सशक्त बनता है। लेकिन आज के समय
में एकल परिवारों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे न केवल रिश्तों में दूरी आ रही है, बल्कि भावनात्मक और मानसिक समस्याएं भी
बढ़ रही हैं। बच्चों को दादा-दादी,
चाचा-चाची जैसे रिश्तों का साथ नहीं मिल पाता, और बुजुर्ग अकेलेपन से जूझते हैं। यही
कारण है कि “कुटुंब प्रबोधन” यानी परिवारों को जोड़ने, मजबूत करने और समझ बढ़ाने की पहल आज की
सबसे बड़ी ज़रूरत बन चुकी है। हमें फिर से यह समझने की ज़रूरत है कि संयुक्त
परिवार केवल एक पुरानी परंपरा नहीं,
बल्कि सामूहिक सहयोग,
देखभाल और संतुलन का प्रतीक हैं।
इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए “आदर्श विकास संस्थान” ने “परिवार जोड़ो अभियान” शुरू किया है। यह अभियान फिरोज़ाबाद में सक्रिय है और समाज को यह संदेश दे रहा है कि अधिकतर पारिवारिक और सामाजिक समस्याओं की जड़ एकल परिवार हैं। संस्था के संस्थापक देवव्रत पांडेय और विनोद पचौरी का कहना है कि संयुक्त परिवारों में सुख, समृद्धि और सहारा तीनों मिलते हैं। वह मानते हैं कि आज के लोग तात्कालिक लाभ और अपनी-अपनी महत्वाकांक्षाओं के कारण संयुक्त परिवार छोड़ रहे हैं, लेकिन इससे रिश्तों की गर्माहट और सामाजिक संतुलन खोता जा रहा है।
संस्थान का यह भी मानना है कि यदि लोग फिर से संयुक्त परिवारों की ओर लौटें, तो समाज में समरसता, सहयोग और आत्मीयता का वातावरण फिर से बन सकता है। और एक बेहतर समाज का निर्माण हो सकता हैं।