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बाराबंकी के युवक ने लिखी उर्दू में रामायण

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बाराबंकी, उत्तर प्रदेश

बाराबंकी के विनय बाबू ने उर्दू में 'विनय रामायण' नामक रामायण का अनूठा संस्करण लिखा है, जिसमें 24 खंड और सात हजार शेर शामिल हैं। बिना औपचारिक उर्दू शिक्षा के, उन्होंने शिक्षक राफे बिन खालिद और शायर अजीज बाराबंकवी से प्रेरणा पाकर यह कार्य पूरा किया। विनय की इच्छा है कि उनकी इस कृति का विमोचन राज्यपाल द्वारा किया जाए।

बाराबंकी के असगरनगर मजीठा गांव के विनय बाबू ने उर्दू में रामायण का भावानुवाद तैयार किया है और इस रचना का नाम “विनय रामायण”, रखा गया हैं... जिसमें भक्ति और कविता का सुंदर मेल देखने को मिलता है। बता दें विनय बाबू की पढ़ाई केवल जूनियर हाईस्कूल तक हुई है, लेकिन उन्हें बचपन से ही कविता और लेखन में रुची थी। उन्होंने  अपने बुजुर्गों से सुनी भाषा को अपनाया और रामायण को उसी में ढालने का संकल्प लिया। जब उन्हें पता चला कि उर्दू में पूरी रामायण उपलब्ध नहीं है, तो उन्होंने स्वंय इसे लिखने की ठान ली और लगातार 14 वर्षों की मेहनत के बाद उन्होंने 500 पन्नों का यह ग्रंथ तैयार किया, जिसे 24 खंडों में बांटा गया है.. हर खंड में करीब 7000 छंद हैं..  

Who is Vinay Babu of Barabanki wrote Vinay Ramayan in Urdu in 14 years |  कौन हैं बाराबंकी के विनय बाबू? 14 साल में लिखी उर्दू में 'विनय रामायण', रचा  भक्ति और

जानकारी के अनुसार यह कोई सीधा अनुवाद नहीं है, बल्कि रामायण की घटनाओं को सरल भाषा और कविता में भावपूर्ण ढंग से लिखा गया है। और तो और रचना को सटीक और सजीव बनाने के लिए विनय बाबू ने अयोध्या, प्रयागराज और हिमालय तक की यात्राएं की। रास्ते में उन्हें आर्थिक परेशानियां भी झेलनी पड़ीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। और ये कमाल कर दिखाया... फिलहाल विनय बाबू अब महाभारत की कथा पर भी इसी तरह काम कर रहे हैं। और उनकी इच्छा है कि इस ग्रंथ का लोकार्पण राज्यपाल के हाथों से हो।

Vinay Babu of Barabanki wrote Ramayana in Urdu | बाराबंकी के विनय बाबू ने  उर्दू में लिखी रामायण: 14 साल में तैयार की, 7 हजार शेर और 24 खंड शामिल -  Barabanki News | Dainik Bhaskar