नैनीताल। परंपरागत खेती में अधिक लागत
और कम लाभ के चलते देश के कोने-कोने में किसान आधुनिक खेती की ओर रुख कर रहे हैं।
वहीं कुछ किसान ऐसे भी है जो विदेशी फसलों की खेती कर न सिर्फ अच्छा लाभ कमा रहे
हैं बल्कि आर्थिक रूप से मजबूत भी हो रहे है। तो वहीं कुछ किसान ऐसे भी है जो इस
क्षेत्र में लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध करवा रहे हैं।
पूर्व में जहाँ उत्तराखण्ड के किसान परंपरागत खेती करके अपना जीवन यापन कर रहे थे। वहीं किसान बन्धु बाजार में लगातार बढ़ रही विदेशी फल और सब्जियों की माँग को देखते हुए नई तकनीक की खेती करने में रुचि ले रहे हैं। ऐसे कई फल हैं जिनकी भारत में भारी मांग होती है, उन्हीं में से एक फल है कीवी।
पहले भारत में कीवी कीआपूर्ति
को न्यूजीलैंड से आयात कर पूरा किया जाता था। लेकिन इसकी भारी डिमांड को देखते हुए
उत्तराखण्ड के किसानों नेकीवी की खेती शुरू की। वर्तमान समय में प्रदेश के नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर क्षेत्र के किसान कीवी की खेती में अग्रणी
भूमिका निभा रहे है। जिसके चलते अब राज्य के अन्य किसान भी बड़े पैमाने पर इसकी खेती
कर रहे हैं।
वैसे तो नैनीताल जिला अपने
फलों की खेती के लिए जाना जाता है। यहाँ मुख्यतः सेब की खेती की जाती है लेकिन
पिछले कुछ समय से यहाँ के किसान कीवी की खेती कर न सिर्फ अच्छा लाभ कमा रहे हैं
बल्कि आज नैनीताल जिला कीवी की खेती के लिए भी जाना जाने लगा है। यहां की कीवी मंडी के माध्यम से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता समेत देश के
कोने-कोने में पहुंच रही है। आज कीवी की खेती कर नैनीताल के किसान न केवल
आत्मनिर्भर होकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बना रहे हैं बल्कि आत्मनिर्भर भारत
अभियान में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।