भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में नये-नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इसी क्रम में चंद्रयान के बाद अब मिशन गगनयान की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है। जिसमें उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद यानी सुहागनगरी का भी महत्वपूर्ण योगदान है। गगनयान मिशन को पूरा करने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर सुरक्षित लैंडिंग के लिए एक उच्च तकनीक से युक्त पैराशूट की जरूरत है, जिसे हजरतपुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में विशेष प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया जा रहा है। यह हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, आगरा की टेक्नोलॉजी पर आधारित है। बता दें कि चंद्रयान को सफल लैंडिंग कराने वाली टीम में जिले के ही टीकरी गांव के वैज्ञानिक धर्मेंद्र यादव भी शामिल थे। इस तरह जिले का पहले भी अंतरिक्ष से जुड़े मिशन में सहयोग रहा है।
गगनयान देश का बहुप्रतीक्षित मिशन है। इसलिए इसकी तैयारी में सभी बिंदुओं का बारीकी से ध्यान रखा जा रहा है। इसरो के वैज्ञानिक भी नियमित अंतराल पर इसकी जांच करते रहते हैं। ऐसे में मिशन से जुड़े एक-एक चरण पर गंभीरता से अनुसंधान के बाद ही निर्णय लिया जा रहा है। गौरतलब है कि अभी तक अमेरिका रूस और चीन ने ही इस तकनीक से पैराशूट बनाए हैं। इसलिए यह देश के लिए एक उपलब्धि का क्षण भी है।
गगनयान मिशन का महत्वपूर्ण चरण है चारों अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित लैंडिंग। क्योंकि पृथ्वी के वायुमंडल में आने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस शिप छोड़कर पैराशूट से नीचे उतरना होगा। उस दौरान वायुमंडल के घर्षण से अत्यधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है। इसलिए इस बात को ध्यान में रखकर उच्च गुणवत्ता के 30 पैराशूट बनाये जा रहे हैं। एक प्रकार से यह पैराशूट स्पेस रीएंट्री पैराशूट है। इसलिए पैराशूट में विशेष तकनीक के साथ ही हीट रेजिस्टेंट नायलॉन के 6-6 फैब्रिक का इस्तेमाल हो रहा है। जिससे गगनयान मिशन सफलतापूर्वक पूर्ण हो।