नई दिल्ली. देशभर से कला, साहित्य, पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने वाले साधकों की खोज कर समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व की विशेष भूमिका निभा रहे संत ईश्वर फाउंडेशन ने गाँधी जयंती के अवसर पर कुमार विश्वास सहित कुल 17 साधकों को संत ईश्वर सम्मान से सम्मानित किया. समारोह में महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज, संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही. सम्पूर्ण भारतवर्ष में अभावग्रस्त और दुरूह प्रदेशों में समाज की नजरों से दूर निःस्वार्थ भाव से समाज सेवा का कार्य कर रहे व्यक्तियों/संस्थाओं का चयन कर सम्मानित किया जाता है.
महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने आशीर्वचन में कहा कि “सेवा साधकों के सम्मान के इस अभियान के प्रारंभ से मेरा जुड़ाव रहा है. राम की शबरी, कृष्ण के सुदामा के साथ जोड़ते हुए भारतीय धर्म की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए भारत की संस्कृति के सेवा भाव को जीवंत रखने का अनूठा और सफल प्रयोग किया है. विशेष रूप से पितृ पक्ष के तर्पण वाली विशेष अमावस्या में समर्पण दिखाया है वो सच्ची आस्था में माता पिता को तर्पण देने के समकक्ष है”.
विशेष सम्मान से सम्मानित कुमार विश्वास ने कहा कि “मेरे लिए सम्मानित होने का अवसर संकोच लाता है. परन्तु संत ईश्वर सम्मान से सम्मानित होना मेरे लिए गर्व की बात है. साथ ही धर्म को मानवता से जोड़ते हुए कहा कि “जिस देश में धर्म राजधर्म से ऊपर होता है वो देश सर्वश्रेष्ठ होता है, देश की संसद में संगोल का प्रतिष्ठित होना इस बात का साक्षात प्रमाण है”.
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा “ये आज के समय की विडम्बना है कि सोशळ मीडिया पर सकारात्मक कार्य करने वाले लोगों की पहचान तुलनात्मक रूप से उन लोगों से कम है जो समाज को विपरीत रूप से प्रभावित करते हैं. मीडिया को भी इस दिशा में विचार करने की आवश्यकता है. ऐसे में संत ईश्वर फाउंडेशन जैसी संस्था का प्रयास निश्चित रूप से सकारात्मक बदलाव लाएगा, ऐसी मेरी अपेक्षा और शुभकामनाएं हैं”.
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि “संत ईश्वर सम्मान जैसे कार्यक्रम में सम्मलित होना निश्चित ही सौभाग्य की बात है. परमात्मा द्वारा दिया एक महत्वपूर्ण कर्म समाज सेवा है.
सम्मान समारोह में उपस्थित सभी आगन्तुकों का आभार प्रकट करते हुए संस्था के अध्यक्ष कपिल खन्ना ने कहा “यह सम्मान व्यक्तिगत एवं संस्थागत रूप में मुख्यतः चार क्षेत्र-जनजातीय, ग्रामीण विकास, महिला-बाल विकास एवं विशेष योगदान (कला, साहित्य, पर्यावरण,स्वास्थ्य और शिक्षा) में तीन श्रेणियों एक विशेष सेवा सम्मान, 4 विशिष्ट सेवा सम्मान एवं 12 सेवा सम्मान में दिया जाता है. विगत वर्षों में 120 व्यक्ति/संस्थाओं को सम्मानित किया गया है और इनमें से 6 व्यक्तियों/संस्थाओं को बाद में भारत सरकार ने पद्म पुरस्कारों से भी सम्मानित किया है”.