भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने साल 2024 के पहले दिन एक नई सफलता हासिल की है। इसरो ने भारत का पहला ऐसा सेटेलाइट सफलतापूर्वक लॉन्च किया है जो कि रेडिएशन, ब्लैक होल, पल्सर और आकाशगंगाओं का अध्ययन करेगा। इस तरह का कारनामा करने वाला भारत दुनिया का दूसरा देश बन गया है। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित लॉन्चिंग साइट से लॉन्च किया गया।
इस सेटेलाइट को नाम दिया गया है एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट यानि XPoSat, इसरो ने इसके साथ ही 10 अन्य पेलोड भी लॉन्च किए गए हैं। 9.5 करोड़ रुपए की लागत से शुरू किए गए इस सेटेलाइट को तैयार किया गया है, जिसे बनाने की शुरुआत साल 2017 में की गई थी। इसमें हाई फ्रिक्वेंसी और हाई रिजॉल्युशन वाले कैमरे लगाए गए हैं, जो कि ब्रम्हांड में सबसे तेज चमकने वाले 50 ऑब्जेक्ट की स्टडी करेगा। इसकी लॉन्चिंग सोमवार (1 जनवरी 2024) को सुबह 9.10 बजे लॉन्च किया गया। सेटेलाइट को पीएसएलवी-58 के जरिए अंतरिक्ष में भेजा गया है।
इसमें जिस सेटेलाइट का इस्तेमाल किया गया है उसे रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। सेटेलाइट की आयु पांच वर्ष बताई जा रही है। लॉन्चिंग के 22 मिनट के अंदर ही ये धरती की कक्षा में पहुंच गया। पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित ये सेटेलाइट अगले पांच सालों तक धरती से 650 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की कक्षा में स्थापति रहेगी। इसमें दो पेलोड हैं, पहला पोलिक्स और दूसरा एक्सपेक्ट।
अमेरिका लॉन्च कर चुका है ऐसी सेटेलाइट गौरतलब है कि भारत से पहले अमेरिका इस तरह की सेटेलाइट लॉन्च कर चुका है। बता दें कि अमेरिका ने दिसंबर 2021 में अपनी इसी सेटेलाइट की मदद से सुपरनोवा विस्फोट के बाद पैदा हुए धूल के कणों, ब्लैक होल्स का अध्ययन कर चुका है। अमेरिका के बाद इस तरह की सेटेलाइट लॉन्च करने वाला भारत दुनिया का दूसरा देश बन गया है। इसे सेटेलाइट लॉन्च ने ये सिद्ध कर दिया है कि अंतरिक्ष में इस तरह के अभियानों के लिए भारत तैयार है।
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साल के पहले ही दिन इसरो ने रचा इतिहास, रेडिएशन, आकाशगंगा की स्टडी करने वाला सेटेलाइट किया लॉन्च
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