कैदियों ने किया शानदार प्रदर्शन, जानिए कैसे अपनी लगन और संघर्ष के बल पर पाई सफलता
- जेल की चार दीवारी के पीछे कठिन हालातों में कर दिखाया कैदियों ने कमाल
- जेल में कैदियों को सीखने व शिक्षा का अवसर मिले तो अपराधियों में भी सकारात्मक सुधार आ सकता है
उत्तर प्रदेश शिक्षा पाने के स्कूल जाना व शिक्षकों से पढ़ने ही आवश्यक नहीं है, बल्कि आपको मेहनत व लगन की आवश्यकता है, कुछ ऐसा ही सिद्ध कर दिखाया है यूपी के जेलों में बंद दर्जनों कैदियों ने। जेल की चार दीवारी में पीछे इन बंदियों ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि कठिन हालात में शिक्षा की लौ कभी नहीं बुझती। आप चाहें तो अपनी मेहनत के बल पर क्या कुछ नहीं कर सकते हैं, कैसे अपनी मेहनत के बल पर पाया कैदियों ने पड़ाव जानिए इस खबर में
कई जेलों में सौ प्रतिशत रहा परिणाम
उत्तर प्रदेश माध्यमिक परिषद ने शुक्रवार दोपहर को 12.30 बजे हाईस्कूल और इंटरमीडिएट वार्षिक बोर्ड परीक्षा का परिणाम घोषित किया। इस वर्ष दसवीं में 90.11 प्रतिशत और 12वीं में 81.15 प्रतिशत बच्चों ने परीक्षा पास की है। हर वर्ष की तरह इस बार भी यूपी के अलग-अलग जनपदों की जेलों में बंद कैदियों ने भी यूपी बोर्ड परीक्षा दी थी, कई जेलों का पास प्रतिशत 100 रहा है। यहां 21 जेल ऐसी हैं, जिनमें की10 वीं परीक्षा देने वाले सभी कैदी पास हुए हैं और 19 जेलों के सभी कैदियों ने 12वीं बोर्ड परीक्षा पास की है। दसवीं में सबसे ज्यादा आगरा की जेल में 17 में से 17 कैदी पास हुए हैं।
कैसे रहा जिलों का सौ प्रतिशत परिणाम
दसवीं में सबसे अधिक आगरा की जेल में 17 में से 17 कैदी पास हुए हैं। इसके बाद बरेली में 9 में से 9, लखनऊ में 8 में से 8 और अलीगढ़, मेरठ, सीतापुर, हरदोई, कानपुर नगर व प्रयागराज में दो – दो कैदियों ने परीक्षा दी और पास की। अगर बात करें इंटर की तो सबसे अधिक वाराणसी जनपद में दस में से दस कैदी पास हुए हैं, इसके बाद कानपुर नगर में 7 में से 7 कैदी पास हुए है।
कैसा रहा 32 जनपदों की जेलों में बंद कैदियों का परिणाम
इस वर्ष कुल 32 जनपदों की जेलों में बंद कैदियों में 10 वीं की परीक्षा देने वालों की संख्या 94 थी. जिनमें 91 पास हुए हैं।ओवरऑल रिजल्ट 96.81 प्रतिशत रहा है. वहीं 12वीं की परीक्षा कुल 105 कैदियों ने दी, जिनमें 91 पास हुए हैं और ओवरऑल रिजल्ट 86.67 प्रतिशत रहा।
परिणाम देखकर तो यही लगता हैं कि अगर जेल में कैदियों को सीखने व शिक्षा का अवसर मिले तो अपराधियों में भी सकारात्मक सुधार आ सकता है...क्योंकि शिक्षा ही मनुष्य को एक नया रास्ता दिखाती है जिससे वह स्वयं और समाज की भीतर एक ज्योति जला सकता है, जिससे उन्हें बेहतर जीवन जीने व अपराधमुक्त भविष्य के लिए मार्ग मिलता है। यही नहीं अपराधियों को नए कौशल भी शिक्षा ही सिखाती है, जिससे वे रिहाई के बाद रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।