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दीनदयाल शोध संस्थान में ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाई भगवान बिरसा मुंडा जयंती

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भगवान बिरसा मुंडा की जयंती बुधवार को दीनदयाल शोध संस्थान के शैक्षणिक प्रकल्प रामनाथ आश्रम शाला पीली कोठी, परमानन्द आश्रम पद्धति विद्यालय गनीवां, कृष्णादेवी वनवासी बालिका आवासीय विद्यालय मझगवां और कृषि विज्ञान केन्द्र मझगवां, कृषि विज्ञान केन्द्र गनीवां, आरोग्यधाम सहित सभी स्वावलंबन केन्द्रों पर बड़े हर्षोल्लास से ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाई गई. कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर हुआ.

कृषि विज्ञान केन्द्र मझगवां में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रामबेटा कुशवाह ने कहा कि हमें भगवान बिरसा मुंडा की तरह मजबूती से अपनी संस्कृति की रक्षा करनी होगी. उन्होंने क्रांतिकारी चिंतन से आदिवासी समाज की दशा और दिशा बदलकर नवीन सामाजिक और राजनीतिक युग का सूत्रपात किया.

दीनदयाल शोध संस्थान के राष्ट्रीय संगठन सचिव अभय महाजन ने कहा कि जनजातीय नायकों को और उनके योगदान को याद करने के लिए ये दिन विशेष है. भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समुदाय का उल्लेखनीय योगदान रहा है. पूर्वजों की परंपरा, रीति रिवाज, संस्कृति की रक्षा करना हम सबका धर्म है. हजारों वर्षों की साधना से धर्म, परंपरा व संस्कृति का विकास हुआ है. हमारी परंपरा से हमें जीवन में संघर्ष करने की प्रेरणा व शक्ति मिलती है. जनजातीय गौरव ही धर्म गौरव है.

डीआरआई के वरिष्ठ कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह ने कहा कि जल, जंगल, जमीन व जनजातीय संस्कृति एवं परंपराओं की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर देने वाले जनजातीय नायक भगवान बिरसा मुंडा की वीरता की कहानियाँ और आदर्श जीवन सदैव हम सभी को राष्ट्र एवं समाज के कमजोर वर्ग के उत्थान के कार्यों के लिए प्रेरित करता रहेगा. कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी डॉ. राजेन्द्र सिंह नेगी ने आभार व्यक्त किया. कार्यक्रम में बाल्मीकि परिसर मझगवां के सभी कार्यकर्ताओं के अलावा लगभग 15 स्वावलंबन केन्द्रों से ग्रामीण महिला पुरुष उपस्थित रहे. कार्यक्रम के उपरांत किसानों के बीच ‘प्याज के उन्नतशील बीजों’ पर कृषक गोष्ठी का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा किया गया.