बरेली, उत्तर प्रदेश
देशभर में हिंदुओं को छलकर, प्रलोभन देकर और धोखे से मतांतरण कराने वाले कट्टरपंथी गिरोहों की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका खुलासा बरेली में हुआ है। महमूद बेग नामक जिहादी तत्व कई राज्यों में घूम‑घूमकर चंदा इकट्ठा करता था और उसी पैसे से हिंदुओं का मतांतरण कराता था। उसके तीन बैंक खातों में 64 लाख रुपये से अधिक का लेन-देन पाया गया है। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि वह असम, मेघालय, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु समेत कई राज्यों में जाकर चंदा जुटाता था और कट्टरपंथियों के नेटवर्क को मजबूत करता था। महमूद बेग अब्दुल मजीद जैसे मतांतरण गिरोह का सक्रिय सदस्य है, जो मुस्लिम लड़कियों से निकाह कराने और रुपए देकर हिंदू युवकों को फंसाकर उनका मतांतरण का काम करता है। इस गिरोह ने शिक्षक प्रभात उपाध्याय तक का ब्रेनवॉश कर दिया। बृजपाल जैसे हिंदू परिवारों को निशाना बनाकर उनका जीवन बर्बाद किया गया। अगस्त में पुलिस ने मजीद और उसके साथियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन महमूद बेग फरार था। उसकी पत्नी ने हाई कोर्ट में झूठे केस का दावा कर उसे बचाने की कोशिश की, पर कोर्ट ने उसे पेश करने का आदेश दिया। पुलिस ने गिरफ्तार कर पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया। पुलिस अधीक्षक अंशिका वर्मा ने बताया कि महमूद बेग के खातों में अन्य प्रदेशों से भी पैसे आने के साक्ष्य मिले हैं। उसने खुद स्वीकारा कि वह कई राज्यों में जाकर चंदा इकट्ठा करता था और उसी पैसे से मस्जिद बनवाकर कट्टरपंथ का विस्तार करता था। बरेली के इज्जतनगर में उसने मस्जिद बनवाई और खुद मौलवी बन बैठा। यह साफ संकेत है कि हिंदू समाज को जिहादी गिरोह योजनाबद्ध तरीके से तोड़ने पर आमादा हैं। यह मामला सिर्फ एक गिरोह का नहीं, बल्कि उस जिहादी मानसिकता का प्रमाण है जो छल, प्रलोभन, मतांतरण और आर्थिक लालच के सहारे समाज को कमजोर करना चाहती है।