ल्याबाई जयंती पर विशाल मातृशक्ति सम्मेलन, उनके जीवन से सीखने का आह्वान
मथुरा : देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर अहिल्याबाई जयंती समारोह समिति के तत्वाधान में श्रीजी बाबा सरस्वती विषय मंदिर में विशाल मातृशक्ति सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने उनके अनुकरणीय जीवन, राष्ट्रभक्ति और समाज सेवा की भावना को स्मरण किया।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता, विख्यात लेखिका चिन्मयी मुले ने कहा कि देवी अहिल्याबाई में साहस और राष्ट्रभक्ति का अद्भुत संगम था। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने राज्य को सफलतापूर्वक संभाला और समाज में महिलाओं के आर्थिक उत्थान के लिए कार्य किए। उन्होंने इंदौर के प्रसिद्ध महेश्वरी साड़ी उद्योग की नींव रखी, जिससे वीरगति प्राप्त सैनिकों की विधवाओं को आर्थिक संबल मिला।
मंदिरों के जीर्णोद्धार में अग्रणी में अहिल्याबाई ने केवल अपने राज्य तक ही नहीं, बल्कि संपूर्ण भारत के धार्मिक स्थलों का पुनर्निर्माण देख जा सकता है बद्रीनाथ से लेकर रामेश्वरम तक एवं सोमनाथ से लेकर जगन्नाथपुरी तक उनका कार्य आपको देखने के मिल सकता है उनके राज्य के सीमा में नहीं आने वाले मंदिरों का भी जीर्णोद्धार उनके द्वारा कराया जाना यह दर्शाता है कि वह अत्यंत धार्मिक एवं करुणामई महिला थीं।
समिति की कार्यक्रम संयोजिका डॉ. दीपा ने बताया कि राष्ट्र सेविका समिति देवी अहिल्याबाई के विचारों के प्रेरणास्रोत एवं आदर्श रही हैं। उन्होंने कहा कि आज के आधुनिकीकरण के माहौल में जहां युवतियां एवं महिलाएं स्वयं के साथ अपनी धर्म, भक्ति एवं परिवार का सामंजस्य बनाना कठिन मानती है उनको देवी अहिल्याबाई के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए कि कैसे एक शासिका होते हुए भी वो जीवनपर्यंत एक पारिवारिक और धर्मपरायण महिला बनी रहीं। राष्ट्र सेविका समिति की प्रेरणास्रोत रही हैं। उन्होंने कहा कि आज की महिलाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर धर्म, परिवार और समाज के प्रति संतुलन बनाए रखना सीखना चाहिए।
संघ के क्षेत्रसंघचालक सूर्यप्रकाश टोंक ने कार्यक्रम में कहा कि लोकमाता का विशेषण सिर्फ देवी अहिल्याबाई के साथ ही जुड़ा इसी बात से हमे पता लगता है कि उन्होंने अपनी प्रजा का एक माँ की तरह पालन किया होगा, अगर उस समय देवी अहिल्याबाई न होती तो आज जैसा हम भारत देख रहे हैं, भारत ऐसा नहीं होता।
ब्रज प्रांत की समिति की संयोजिका रेणुका डंग ने उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण का सबसे पहला जीवंत उदाहरण देवी अहिल्याबाई थीं। जिस देश में महिलाएं पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलती है, वह देश ही प्रगति के पथ पर बढ़ता है।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियां एवं महिला सहभागिता रही जिसमे कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विद्यालयों की छात्राओं ने सरस्वती वंदना, लघुनाटिका एवं होली महोत्सव का सुंदर प्रदर्शन किया। इस अवसर पर प्रांत कार्यवाहिका ललिता, महानगर कार्यवाहिका प्रीति बंसल, नगर कार्यवाहिका कविता बंटा, प्रतिभा सिंह, दीप्ति उपाध्याय, नीतू अग्रवाल, पूजा शर्मा, गुंजन अग्रवाल समेत हजारों महिलाएं उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम का संचालन संघ के महिला समन्वय विभाग की प्रमुख कीर्ति जी ने किया।
कार्यक्रम में प्रांत कार्यवाहिका ललिता, महानगर कार्यवाहिका प्रीति बंसल, नगर कार्यवाहिका कविता बंटा, प्रतिभा सिंह, दीप्ति उपाध्याय, नीतू अग्रवाल, पूजा शर्मा, गुंजन अग्रवाल समेत हजारों की संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं।