घर वापसी : गुलबसा बनी पूजा, शिव मन्दिर में किया विवाह
आये दिन हम खबरों में पढ़ते रहते हैं की मुस्लिम युवतियों का इस्लाम के प्रति मोह भंग हो रहा है जिसका कारण है एक नहीं बल्कि कई कुरीतियाँ हैं जैसे, तीन तलाक, हलाल, और वो सम्मान न मिलाना जो परिवारों में हिन्दू महिलाओं के प्रति होता है इन सब को देखते हुए वह भी अपने पूर्वजों द्वारे माने गये सनातन धर्म में घर वापसी कर रही हैं...इसी क्रम में एक मामला आया है.. लखीमपुर खीरी से...जहाँ गुलबसा ने इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपनाया और अपना नाम पूजा रख लिया और बरेली के एक शिव मंदिर में गुलबसा ने सुमित के साथ सात फेरे लेकर एक नए जीवन की शुरुआत की।
आपको बता दें कि गुलबसा और सुमित की मुलाकात इंस्टाग्राम के जरिए हुई थी। सुमित कुमार दिल्ली की एक कंपनी में काम करते थे इसी बीच गुलबसा से बातचीत बढ़ने के बाद उन्होंने एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का निर्णय लिया.
गुलबसा के घर में उन्हें प्रताड़ित किया जाता था लेकिन वह कहती हैं कि अब उन्हें हलाला और तीन तलाक का डर नहीं है। क्योंकि, सनातन धर्म में महिलाओं को देवी के रूप में पूजा जाता है और यह विवाह सात जन्मों का बंधन है, जो उन्हें बहुत प्रभावित करता है.. साथ ही गुलबसा ने बताया कि सौतेली मां ने हमेशा उन्हें प्रताड़ित किया और 12वीं के बाद पढ़ाई की इच्छा रखने पर उसे रोक दिया।
सौतेली मां ने 30 साल बड़े व्यक्ति से निकाह करने का दबाव डाला, तब वह समझ गईं कि सौतेली मां उन्हें किसी और से ब्याहना चाहती थी। इसके बाद सुमित ने उनका साथ दिया और दोनों ने मिलकर घर छोड़ने का निर्णय किया। सुमित के परिवार ने इस रिश्ते को स्वीकार लिया है... अब वह सनातन धर्म में ही अपना जीवन बिताना चाहती हैं..