ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा से निकली आत्मनिर्भर भारत की गूंज अब पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है। यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब स्टालों का अवलोकन कर रहे थे, तो एक खास पल ऐसा आया जिसने आत्मनिर्भर भारत की ताकत को सामने रख दिया। ग्रेटर नोएडा की एडवर्ब कंपनी के सहसंस्थापक और सीईओ संगीत कुमार ने जब प्रधानमंत्री को बताया कि उनकी कंपनी के बनाए गए 60 प्रतिशत रोबोट सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि अमेरिका, यूरोप जैसे 20 विकसित देशों में निर्यात हो रहे हैं, तो पीएम मोदी का चेहरा गर्व से खिल उठा। यह दृश्य केवल एक कंपनी की सफलता का नहीं था, बल्कि नए भारत के आत्मविश्वास का प्रतीक था। प्रधानमंत्री ने उत्सुकता से उत्पादों को देखा, जीरो वेस्ट और उच्च गुणवत्ता पर बल दिया और यह समझने का प्रयास किया कि भारत कैसे तकनीकी नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ रहा है। सीईओ संगीत कुमार ने बताया कि उनकी कंपनी देश की सबसे बड़ी रोबोट कंपनी है, जहां करीब एक हजार लोग कार्यरत हैं और 350 से अधिक इंजीनियर शोध एवं नवाचार में जुटे हैं। आने वाले वर्षों में ह्यूमनॉइड रोबोट और डिफेंस सेक्टर के लिए भी अत्याधुनिक तकनीक विकसित करने का लक्ष्य है।
आत्मनिर्भर भारत अब केवल नारा नहीं अपितु भारत की नई वैश्विक पहचान
यही नहीं, इस ट्रेड शो में राफे एमफाइबर और लोहम जैसी कंपनियों ने भी प्रधानमंत्री को अपने इनोवेशन दिखाए। राफे एमफाइबर ने ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना द्वारा इस्तेमाल किए गए स्वदेशी ड्रोन की कहानी बताई, जबकि लोहम ने एशिया की सबसे बड़ी लिथियम रिफाइनरी के माध्यम से ऊर्जा सुरक्षा और खनिज संसाधनों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में हो रहे कार्यों की झलक दी। आज जब विकसित देश भी भारत से रोबोट खरीद रहे हैं, स्वदेशी ड्रोन पर भरोसा कर रहे हैं, और महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति भारत की ओर देख रहे हैं, तो यह स्पष्ट संकेत है कि आत्मनिर्भर भारत अब केवल नारा नहीं, बल्कि भारत की नई वैश्विक पहचान बन चुका है। प्रधानमंत्री मोदी का मुस्कुराना दरअसल इस बात की गवाही थी कि विश्व में भारत की तकनीकी और औद्योगिक क्षमता को स्वीकारा और सराहा जा रहा है। यह केवल प्रदर्शनी नहीं, बल्कि भारत के भविष्य का चित्रण है। एक ऐसा भविष्य जहां भारत सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए तकनीक, नवाचार और आत्मनिर्भरता का मार्गदर्शक बनेगा।