• अनुवाद करें: |
मुख्य समाचार

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी, दिया एकता और समरसता का संदेश

  • Share:

  • facebook
  • twitter
  • whatsapp

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी, दिया एकता और समरसता का संदेश  

  • -त्रिवेणी संगम पर पूजन-अर्चन कर राष्ट्र की समृद्धि और शांति की प्रार्थना  
  • - उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस पवित्र अवसर के साक्षी बने।  


प्रयागराज। सनातन संस्कृति के सबसे बड़े मानव समागम महाकुंभ 2025 में सोमवार को एक ऐतिहासिक क्षण जुड़ गया। भारत की दूसरी महिला और पहली आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाकर न केवल आध्यात्मिकता को आत्मसात किया, बल्कि पूरी दुनिया को एकता और सामाजिक समरसता का संदेश भी दिया। उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस पवित्र अवसर के साक्षी बने।  

वैदिक मंत्रोच्चार के बीच किया संगम स्नान-  

संगम तट पर पहुंचने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने पहले पावन जल को स्पर्श कर आशीर्वाद लिया और फिर मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की अराधना करते हुए पुष्प और नारियल अर्पित किए। इसके बाद उन्होंने भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच एक के बाद एक कई बार डुबकी लगाई। स्नान के पश्चात उन्होंने संगम स्थल पर पूरे विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर त्रिवेणी का दुग्धाभिषेक किया। इसके साथ ही अक्षत, नैवेद्य, पुष्प, फल और लाल चुनरी अर्पित कर राष्ट्र की समृद्धि और शांति की प्रार्थना की।  

तीनों पावन नदियों की उतारी आरती-  

संगम स्नान के बाद राष्ट्रपति ने विधिवत संगम आरती की। तीर्थ पुरोहितों ने उन्हें शुभ आशीर्वाद देते हुए कलावा बांधकर अभिनंदन किया। इस दौरान संगम तट पर उमड़े श्रद्धालुओं ने इस ऐतिहासिक पल को अपनी आंखों में संजो लिया।  

क्रूज यात्रा के दौरान पक्षियों को खिलाया दाना-  

राष्ट्रपति मुर्मू के प्रयागराज पहुंचने पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। राष्ट्रपति अरैल घाट से क्रूज पर सवार होकर संगम की ओर रवाना हुईं। यात्रा के दौरान उन्होंने डेक पर खड़े होकर नौका विहार का आनंद लिया और अपने हाथों से पक्षियों को दाना भी खिलाया।  

महाकुंभ के सफल आयोजन की सराहना-  

इस दौरान राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति को महाकुंभ 2025 के भव्य आयोजन और व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। राष्ट्रपति मुर्मू ने कुंभ मेले के संगठन, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक एकता के महत्व को रेखांकित करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की तैयारियों की सराहना की।  


संगम स्नान का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संदेश- 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का यह संगम स्नान भारतीय संस्कृति और मातृशक्ति की प्रतिष्ठा का जीवंत प्रमाण बना। उनकी उपस्थिति ने महाकुंभ के आध्यात्मिक महत्व को और भी गहराई से उजागर किया, साथ ही यह संदेश दिया कि सनातन संस्कृति में आस्था, समरसता और एकता का अटूट संगम है।