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गंगा मां और मेरी मां… त्रिवेणी संगम पर भावुक हुए सीएम धामी

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गंगा मां और मेरी मां… त्रिवेणी संगम पर भावुक हुए सीएम धामी 

  • -मां की इच्छा पूरी कर बोले – यह जीवन के सबसे अनमोल क्षणों में से एक 
  • - इस पवित्र क्षण को लेकर मुख्यमंत्री भावुक हो गए और बोले, "मैं इस पल को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता 

देहरादून/प्रयागराज। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए सोमवार का दिन भावनात्मक रूप से बेहद खास रहा। उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम में अपनी मां को स्नान कराकर उनकी इच्छा पूरी की। इस पवित्र क्षण को लेकर मुख्यमंत्री भावुक हो गए और बोले, "मैं इस पल को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। यह मेरे जीवन के उन अमूल्य क्षणों में से एक है, जिन्हें मैं कभी नहीं भूलूंगा।

सीएम धामी अपनी पत्नी गीता धामी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ प्रयागराज पहुंचे। उन्होंने संगम तट पर मां को डुबकी लगवाई और इस अद्भुत अनुभव को सनातन संस्कृति, परंपरा और मातृभक्ति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, "माता का स्नेह अनंत, उनकी ममता अपरिमेय और उनका आशीर्वाद अक्षुण्ण होता है। माता केवल जन्मदात्री ही नहीं, बल्कि सजीव तीर्थ भी हैं। उनकी सेवा और सम्मान से जीवन के समस्त पुण्य फलीभूत होते हैं।"  

महाकुंभ में संतों से मिला आशीर्वाद-  

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रयागराज में रविवार को आचार्य शिविर में आयोजित समानता के साथ समरसता कार्यक्रम में भी भाग लिया। इस अवसर पर संतों ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए उनका अभिनंदन किया और पुष्पमाला पहनाकर सम्मानित किया।  

मुख्यमंत्री ने सभी संतों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, "त्रिवेणी संगम की इस पवित्र भूमि और महाकुंभ के अवसर पर संतों का आशीर्वाद मिलना सौभाग्य की बात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प में संतों का आशीर्वाद बेहद महत्वपूर्ण है। समान नागरिक संहिता लागू करना, विकसित भारत की ओर बढ़ाया गया एक बड़ा कदम है। यह सम्मान केवल मेरा नहीं, बल्कि उत्तराखंड के प्रत्येक नागरिक का सम्मान है।"  

सनातन संस्कृति और मातृभक्ति का जीवंत उदाहरण-  

मुख्यमंत्री का यह भावनात्मक क्षण मातृभक्ति और सनातन संस्कृति की गहरी जड़ों को दर्शाता है। गंगा की पवित्र धारा में मां के साथ स्नान कर उन्होंने न केवल अपनी व्यक्तिगत आस्था को प्रकट किया, बल्कि समाज में माता-पिता के प्रति आदर और सम्मान की भावना को भी उजागर किया। त्रिवेणी संगम पर मुख्यमंत्री द्वारा मां की सेवा का यह दृश्य भावनात्मक, प्रेरणादायक और संस्कृति के प्रति उनकी गहरी निष्ठा को दर्शाने वाला रहा।