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आजादी का अमृत महोत्सव

संघ और ग्राम विकास

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  •  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से चलाई जा रही गतिविधि ‘ग्राम विकास’ के द्वारा गाँव को उन्नतशील बनाने के प्रयत्न किये जा रहे है

  • ग्राम विकास केन्द्रों से अस्पताल, स्किल डवलपमेंट सेंटर, खेल मैदान, लाइब्रेरी और जैविक कृषि केंद्र खोले जा रहे है


जैसा की हमें ज्ञात है कि हमारे देश की
68 प्रतिशत जनसंख्या गांवों में बसती है। हमारे देश में 664,369 ग्राम हैं यानि गांवों का विकास देश का विकास है। गांवों का विकास अपनी स्वयं की शक्ति के आधार पर ही होना चाहिए। इसी मूलभूत चिंतन को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से चलाई जा रही गतिविधिग्राम विकासके द्वारा गाँव को उन्नतशील बनाने के प्रयत्न किये जा रहे है।

पूरे देश के ग्रामीण इलाकों में आज के दिनों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ग्राम विकास केन्द्रों के माध्यम से गांव-गांव तक अपनी नीतियों को गांव के लोगों के विकास के लिए पहुंचाया हैं। ग्राम विकास केन्द्रों से अस्पताल, स्किल डवलपमेंट सेंटर, खेल मैदान, लाइब्रेरी और जैविक कृषि केंद्र खोले जा रहे हैं। जिला ग्राम वासियों को यहां मुफ्त में सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं।

इस केंद्र के माध्यम से खेल ग्राउंड, अस्पताल, लाइब्रेरी की सुविधा लोगों को मिल रही हैं। बच्चों को खेलों के प्रति प्रेरित करना, जैविक खेती के गुर सिखाना, नशा मुक्ति के प्रति जागरूक करना, सड़क की सफाई, प्लास्टिक मुक्ति दिलाना, कचरे से खाद का निर्माण जैसे अन्य शिक्षा भी दी जा रही हैं।

हर एक ग्राम इस देश में स्वावलम्बी होना चाहिए। जहर मुक्त कृषि अर्थात् जैविक कृषि होनी चाहिए। विकास की कोई निश्चित परिभाषा नहीं है। यह समय के साथ बदलती जाती है, नई पीढ़ी भी आज के दिनों में ग्राम विकास समिति से जुड़ रही हैं। ग्राम का विकास एक आदमी या दस पंद्रह लोगों का कार्य नहीं है, उसके लिए पूरे गांव के लोगों को जुटना होगा।

ग्राम विकासगतिविधि ने आज एक समूचे देश में नई ऊर्जा का समावेश किया हैं इस के माध्यम से हर ग्राम का विकास निश्चित हैं और हम इसके परिणाम भी देख रहे हैं।