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BHU में बंगलुरु के वैज्ञानिक ने कहा कि वैदिक काल में भी थी हाइड्रोजन निर्माण की जानकारी

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काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के वैदिक विज्ञान केंद्र में एक दिवसीय व्याख्यान के दौरान विद्वानों और वैज्ञानिकों ने प्राचीन ग्रंथों में वर्णित वैज्ञानिक तथ्यों की व्याख्या की। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बंगलुरु के प्रकाश मिश्र ने वेदों में फिजिक्स की महत्ता समझाई। कहा कि मॉडर्न साइंस में न्यूटन के गति के तीनों नियम प्राचीन ग्रंथ 'वैशेषिक' में मिलते हैं। आचार्य कणाद ने भी न्यूटन के तीनों नियमों को काफी पहले ही बता दिया था। गुरुत्वाकर्षण बल की भी जानकारी वेदों में थी। आखिरकार, महान गणितज्ञ आर्यभट्ट ने ही पाई का मान दिया था। IT-BHU के प्रो. आरके मिश्र ने कहा अपने सनातन ग्रंथों को स्थानीय भाषा में ट्रांसलेट किया जाना चाहिए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में वैज्ञानिक उपस्थित रहे।