नेपाल की नेपाल की काली गंड़की नदी से मिली दो विशालकाय शालिग्राम शिलाएं जनकपुर में विधिवत पूजन के बाद अयोध्या के लिए निकाल गईं। इन शिलाओं से अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर में रामलला और देवी सीता के लगभग पांच फुट ऊंचे श्री विग्रह यानी मूर्तियों का निर्माण होगा।
भगवान विष्णु के रूप में पूजित शालिग्राम शिलाएं सिर्फ गंडकी नदी के नेपाल वाले हिस्से में ही मिलती हैं. ये प्राकृतिक घटना वैसी ही है, जैसे शिव स्वरूप पूजित नर्मदेश्वर शिलाएं नर्मदा नदी के होशंगाबाद, खरगोन इलाके में ही मिलती हैं। शालिग्राम शिलाएं सैकड़ों साल पानी में रहने, बहने के बाद बनती हैं. इनका निर्माण इन शिलाओं में मौजूद एक विशेष कीट के चलते होता है. रामलला और सीता जी की प्रतिमा के लिए ये विशालकाय शिलाएं मुक्तिनाथ क्षेत्र के म्याग्दी जिले के बेनीबाजार के पास काली गंडकी नदी की धार से निकाली गई हैं। एक शिला सात से साढ़े सात फुट लंबी औऱ चार फुट चौड़ी है. एक शिला का वजन 26 टन है, जबकि दूसरी शिला का वजन 14 टन है।
इन शिलाओं को गंडकी की धार से निकाला गया. इसके बाद काली गंड़की नदी की पूजा कर क्षमा याचना की गई। इसके बाद 26 जनवरी को गलेश्वर महादेव मंदिर में रुद्राभिषेक किया गया. इसके बाद पोखरा के विंध्यवासिनी मंदिर में पूजाकर जनकपुर के लिए भेजा गया। जनकपुर तक पहुंचने के लिए तीन दिन की यात्रा होगी।