- प्रयागराज के त्रिवेणी तट पर महाकुंभ में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास द्वारा इस मुद्दे को लेकर रणनीति तैयार की जा रही है।
- न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप एडवोकेट ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति का आंदोलन चरणबद्ध ढंग से संचालित किया जा रहा है।
मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद के समाधान की दिशा में महाकुंभ 2025 बड़ा मंच साबित हो रहा है। प्रयागराज के त्रिवेणी तट पर महाकुंभ में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास द्वारा इस मुद्दे को लेकर रणनीति तैयार की जा रही है। न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप एडवोकेट ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति का आंदोलन चरणबद्ध ढंग से संचालित किया जा रहा है।
सेक्टर 16 बना केंद्र बिंदु -
महाकुंभ के सेक्टर 16 में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर साधु-संतों और धार्मिक नेताओं का जुटान हो रहा है। महेंद्र प्रताप ने बताया कि यहां पर 11 सदस्यीय समिति साधु-संतों के सुझावों पर मंथन कर रही है। विदेशी और भारतीय संतों का सहयोग आंदोलन को मजबूती प्रदान कर रहा है।
विदेशी साधु-संतों का समर्थन -
महाकुंभ में भारत के साथ-साथ विदेशों से आए संत भी इस मुद्दे को लेकर समर्थन दे रहे हैं। अमेरिका के स्वामी सर्वभौम नंद, स्पेन के स्वामी उमेश योगी और दक्षिण भारत के प्रमुख गरुणानंद इस मुहिम में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं।
संतों का सहयोग -
महाकुंभ में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, मालवी पीठाधीश्वर जगद्गुरु राजेश्वरानंद,मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र महाराज, और अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद जैसे संत आंदोलन को दिशा देने के लिए सहयोग कर रहे हैं।
चरणबद्ध आंदोलन की योजना -
महेंद्र प्रताप एडवोकेट ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने की योजना बनाई गई है। साधु-संतों के साथ लगातार बैठकें हो रही हैं और उनकी सलाह के आधार पर रणनीति तैयार की जा रही है।
महाकुंभ से नई दिशा की उम्मीद -
महाकुंभ में जुटे साधु-संतों और धार्मिक नेताओं की एकजुटता इस आंदोलन को नई दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास को उम्मीद है कि महाकुंभ के माध्यम से इस विवाद का समाधान निकालने की दिशा में निर्णायक कदम उठाए जाएंगे।
आंदोलन को वैश्विक पहचान -
विदेशी साधु-संतों के जुड़ने से इस आंदोलन को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी पहचान मिल रही है। महाकुंभ में मौजूद लाखों श्रद्धालुओं के बीच यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है।
महाकुंभ 2025 श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनकर उभरा है। साधु-संतों, धार्मिक नेताओं और आम श्रद्धालुओं के सहयोग से यह आंदोलन नई ऊर्जा और व्यापक समर्थन के साथ आगे बढ़ रहा है।