संघ शताब्दी वर्ष पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में प्रमुख जन गोष्ठी
जोधपुर, 14 दिसंबर 2025। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों की श्रृंखला में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर परिसर स्थित जोधपुर क्लब में प्रमुख जन गोष्ठी का आयोजन किया गया। समाज के चयनित प्रबुद्धजनों, शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों तथा विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में सम्पन्न कार्यक्रम में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी मुख्य वक्ता रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल जी रहे, जबकि गोष्ठी की अध्यक्षता प्रांत संघचालक हरदयाल वर्मा जी ने की।

प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल जी संघ की 100 वर्षों की सेवा-साधना को प्रेरणादायी बताते हुए कहा कि संघ ने राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में चरित्र निर्माण, अनुशासन और राष्ट्रभाव को सुदृढ़ किया है। उन्होंने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को राष्ट्र की प्रगति का सशक्त माध्यम बताते हुए कहा कि आईआईटी जोधपुर हिंदी सहित भारतीय भाषाओं में शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित कर भारतीय ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है।
सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने कहा कि संघ का शताब्दी वर्ष उत्सव का अवसर नहीं है, बल्कि आत्ममंथन, आत्मावलोकन और दायित्वबोध का समय है। उन्होंने स्पष्ट किया कि समाज शाश्वत है और राष्ट्र अमर है तथा संघ की आराधना राष्ट्र के प्रति समर्पित है। निरंतर आक्रमणों और दीर्घकालीन विदेशी शासन के बावजूद भारत की आत्मा अक्षुण्ण रही है और राष्ट्र सतत प्रगति के पथ पर अग्रसर रहा है।

सरकार्यवाह जी ने भारत की तुलना फीनिक्स पक्षी से करते हुए कहा कि भारत प्रत्येक विपरीत परिस्थिति से स्वयं को पुनः सशक्त करता रहा है। इज़राइल और जापान के उदाहरणों के माध्यम से राष्ट्रभक्ति, आत्मसम्मान और संगठन शक्ति के महत्व को रेखांकित किया। स्वामी विवेकानंद एवं डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार के विचारों का उल्लेख करते हुए उन्होंने भारतीय समाज में आत्मसम्मान और स्वत्वबोध को पुनः जागृत करने का आह्वान किया।
उन्होंने संघ द्वारा प्रतिपादित पंच परिवर्तन – सामाजिक समरसता, पर्यावरण चेतना, आत्मनिर्भर भारत, कुटुंब प्रबोधन एवं नागरिक कर्तव्य – को समाज परिवर्तन का मार्गदर्शक सूत्र बताते हुए कहा कि इन मूल्यों के माध्यम से समरस, सशक्त और उत्तरदायी भारत का निर्माण संभव है।
जोधपुर प्रांत संघचालक हरदयाल जी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए आयोजन हेतु आईआईटी जोधपुर के सहयोग तथा उपस्थित सभी अतिथियों, वक्ताओं और नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर पद्म भूषण नारायण सिंह माणकलाव, सहित विभिन्न संस्थानों के निदेशक, विश्वविद्यालयों के कुलगुरु, विभागाध्यक्ष, चिकित्सक, कानूनविद् एवं विविध क्षेत्रों में सम्मानित विद्वानजन उपस्थित रहे।



