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सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए अनूठी पहल गाजियाबाद से प्रयागराज, काशी अयोध्या पदयात्रा

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गाजियाबाद के युवक की सनातन संस्कृति के प्रचार हेतु पदयात्रा

 सनातन धर्म के प्रचार का मुख्य उद्देश्य केवल धर्म का प्रसार करना नहीं, बल्कि आध्यात्मिक जागरूकता, नैतिक मूल्यों की स्थापना और मानवता के कल्याण के लिए गाजियाबाद के एक युवा ने सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए अनूठी पहल की है। उसने प्रयागराज से काशी तक पैदल यात्रा करने का संकल्प लिया है, जिसमें वह सनातन धर्म के मूल सिद्धांत – सत्यम, शिवम, सुंदरमका प्रचार करेगा। इस यात्रा का उद्देश्य समाज में सनातन मूल्यों को पुनर्जीवित करना और युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ना है।

 

यात्रा का शुभारंभ मंदिर में पूजा-अर्चना और हवन के साथ किया गया। युवक का कहना है कि यह केवल एक तीर्थयात्रा नहीं है, बल्कि एक आध्यात्मिक संदेशवाहक यात्रा है, जिसमें वह वेद, उपनिषद, भगवद गीता और रामायण के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे

 

तीर्थस्थलों का महत्व यात्रा का पहला पड़ाव प्रयागराज होगा, जहां त्रिवेणी संगम की पवित्रता को आत्मसात कर सनातन धर्म के महत्त्व को समझने का प्रयास किया जाएगा। इसके बाद अयोध्या जाकर राम जन्मभूमि में दर्शन कर श्रीराम के जीवन मूल्यों का प्रचार होगा। यात्रा का अंतिम पड़ाव काशी होगा, जहां काशी विश्वनाथ के दर्शन और गंगा आरती के माध्यम से मोक्ष और भक्ति का संदेश दिया जाएगा।

 

सनातन धर्म का प्रचार और युवाओं को अपनी संस्कृति से जोड़ने और सनातन धर्म के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य करेगी। सोशल मीडिया के माध्यम से भी यह संदेश प्रसारित किया जाएगा, ताकि अधिक लोग प्रेरित हो सकें। इस यात्रा से यह स्पष्ट होता है कि सनातन संस्कृति आज भी प्रासंगिक है और इसकी रक्षा के लिए युवा पीढ़ी आगे आ रही है।