विजय सैनी’ – शाखा से कबड्डी की नेशनल प्रतियोगिता के मैदान तक
- विजय ने कबड्डी को अपने करियर के तौर पर चुना, उन्हें प्रेरणा कहां से मिली, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं संघ स्वयंसेवक हूं। बचपन से शाखा में जाता हूं, कबड्डी खेलना वहीं सीखा
- वे लगातार 6 वर्षों से कबड्डी जूनियर व सीनियर प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर अजमेर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं
अजमेर के विजय सैनी, हाल ही में उड़ीसा के कटक में आयोजित 71वीं सीनियर राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता (पुरुष) 2025 में राजस्थान टीम का प्रतिनिधित्व किया और टीम को टॉप 8 में प्रवेश दिलाया। विजय ने कबड्डी को अपने करियर के तौर पर चुना, उन्हें प्रेरणा कहां से मिली, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं संघ स्वयंसेवक हूं। बचपन से शाखा में जाता हूं, कबड्डी खेलना वहीं सीखा। धीरे-धीरे आकर्षण बढ़ता गया, तो फिर इसे ही करियर बनाने का निर्णय ले लिया। वे लगातार 6 वर्षों से कबड्डी जूनियर व सीनियर प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर अजमेर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। चार राष्ट्रीय शिविरों में सहभागिता कर चुके हैं। उनका अगला लक्ष्य प्रो कबड्डी लीग में चयनित होने का है। वे इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
विजय कहते हैं, संघ शाखा में जाने से तन और मन दोनों का विकास होता है। शाखा के बौद्धिक और खेल व्यक्ति के व्यक्तित्व में चौतरफा निखार लाते हैं। आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। मेरे सफर की शुरुआत संघ शाखा के ग्राउंड से हुई और आज कबड्डी के नेशनल ग्राउंड तक पहुंचा हूं। मैं कबड्डी का एक प्रोफेशनल खिलाड़ी हूं। इसके पीछे मेहनत के साथ कहीं न कहीं संघ के संस्कार भी हैं। विजय कहते हैं, अक्सर कहा जाता है कि कुश्ती और कबड्डी जैसे खेलों में शक्ति के लिए खिलाड़ियों को मांसाहारी डाइट लेनी चाहिए, लेकिन मैं शुद्ध शाकाहारी हूं।
अजमेर के रहने वाले विजय सैनी प्रथम वर्ष का शिक्षण प्राप्त किया है। उनके पिताजी एक कैब ड्राइवर हैं और दादा जी, पिता जी, चाचा जी पूरा परिवार संघ की शाखा से जुड़ा है।