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केदारनाथ रोपवे का निर्माण कार्य अक्टूबर से शुरू, 36 मिनट में पहुंचेगा यात्री

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केदारनाथ रोपवे का निर्माण कार्य अक्टूबर से शुरू, 36 मिनट में पहुंचेगा यात्री

- इस परियोजना के तहत सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबा रोपवे बनेगा, जिससे अब तक 9 घंटे में तय होने वाली यात्रा मात्र 36 मिनट में पूरी हो सकेगी

- रोपवे निर्माण के लिए 19 मार्च 2025 तक निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद डिजाइन और अन्य औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी, ताकि अक्टूबर तक निर्माण कार्य शुरू हो सके। 

 उत्तराखंड : केदारनाथ धाम की यात्रा जल्द ही और आसान होने जा रही है। बहुप्रतीक्षित केदारनाथ रोपवे परियोजना का निर्माण कार्य इसी वर्ष अक्टूबर महीने से शुरू किया जाएगा। इस परियोजना के तहत सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबा रोपवे बनेगा, जिससे अब तक 9 घंटे में तय होने वाली यात्रा मात्र 36 मिनट में पूरी हो सकेगी।  

19 मार्च तक पूरी होगी निविदा प्रक्रिया-  

रोपवे निर्माण के लिए 19 मार्च 2025 तक निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद डिजाइन और अन्य औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी, ताकि अक्टूबर तक निर्माण कार्य शुरू हो सके। परियोजना के तहत 26 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है।  

दो चरणों में बनेगा रोपवे  

1. पहला चरण: गौरीकुंड से केदारनाथ तक 9.7 किलोमीटर लंबा रोपवे बनेगा।  

2. दूसरा चरण: सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक 3.2 किलोमीटर का रोपवे बनाया जाएगा।  

   

संपूर्ण परियोजना की लागत 4,081.28 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है, और इसे नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड द्वारा पूरा किया जाएगा।  

पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल-  

केदारनाथ रोपवे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। 21 अक्टूबर 2022 को पीएम मोदी ने इस परियोजना का शिलान्यास किया था। इसके बाद बीते दो वर्षों में प्रशासन और वन विभाग के साथ मिलकर हवाई और भूमिगत सर्वेक्षण पूरा किया गया है।  

यात्रियों के लिए वरदान साबित होगा रोपवे-  

वर्तमान में सोनप्रयाग से केदारनाथ जाने के लिए श्रद्धालुओं को 16 किलोमीटर की कठिन पैदल यात्रा करनी पड़ती है। इस रोपवे के बनने के बाद यह यात्रा केवल 36 मिनट में पूरी हो सकेगी। शुरूआती चरण में हर घंटे 1,800 यात्री गौरीकुंड से केदारनाथ तक यात्रा कर सकेंगे।  

केदारनाथ रोपवे बनने से न केवल यात्रियों की सुविधा में वृद्धि होगी, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन और रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे।