जगत जननी माता सीता की जन्मस्थली और लक्ष्मणा नदी के तट पर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर, रिंग बांध, सीतामढ़ी में अखिल भारतीय संस्कृति महोत्सव 2025 का शुभारंभ हुआ। महोत्सव का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुआ।

मां जानकी पर आधारित गीत और नृत्य प्रस्तुतियों ने वातावरण को भक्ति, आनंद से भर दिया। अतिथि परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य अनोज कुमार अकेला एवं रामलाल सिंह, प्रदेश सचिव, लोक शिक्षा समिति बिहार ने कराया। अतिथियों का स्वागत पारंपरिक अंगवस्त्र, पाग और श्रीफल से किया गया।
संयोजक दुर्ग सिंह राजपुरोहित ने कहा कि “विद्यार्थियों में भारतीय संस्कृति, परंपरा और जीवन मूल्यों पर गर्व जगाना ही इस महोत्सव का उद्देश्य है।” विद्या भारती के 11 क्षेत्रों से लगभग 500 प्रतिभागी भाषण, कथा-कथन, प्रश्न मंच, मूर्तिकला, लोकनृत्य एवं संस्कृत वार्ता जैसी विधाओं में प्रतिभा दिखा रहे हैं।

मुख्य अतिथि अनंत श्री किशोरी शरण मधुकर ‘मुठिया बाबा’ ने कहा, “यहां आकर साक्षात भारतीय संस्कृति का दर्शन हुआ।” मुख्य वक्ता श्री गोविंद चंद्र महंत, संगठन मंत्री, विद्या भारती ने कहा कि ऐसे आयोजन भारतीयता और राष्ट्रीयता की भावना को सशक्त करते हैं। कार्यक्रम अध्यक्ष साधना भंडारी, उपाध्यक्ष, विद्या भारती ने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि “सफलता निरंतर प्रयास से ही प्राप्त होती है।”

महंत डॉ. शुकदेव दास जी महाराज की गरिमामय उपस्थिति में समारोह संपन्न हुआ।
विद्यालय सचिव रामनरेश ठाकुर ने कहा कि “सीतामढ़ी के लिए यह एक गौरव का अवसर है।”
यह महोत्सव भारतीय संस्कृति की विविधता और गौरव का जीवंत प्रतीक है।



