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नाजिम के प्रयासों से बदली स्कूल की तस्वीर...

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हाथरस, उत्तर प्रदेश

माटी के ऋण का बोध होना और उसे समय पर जिम्मेदारी पूर्ण ढंग से चुकाना। यही है नागरिक कर्तव्य। इसी कर्तव्य को निभाने का अनुपम और अनूठा कार्य कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के मोहम्मद नाजिम।

नाजिम पेशे से शिक्षक है। माना जाता है कि किसी भी राष्ट्र का भविष्य तय करने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका और योगदान होता है... लेकिन नाजिम देश का भविष्य गढ़ने के साथ-साथ नागरिक कर्तव्य को भी बखूबी निभा रहे हैं।

मोहम्मद नाजिम हाथरस के तरफरा गाँव में स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक हैं। नाजिम बताते हैं जब तरफरा में उनका स्थानांतरण हुआ, तो स्कूल का भवन खंडहर हालत में मिला। जर्जर छतों से प्लास्टर झड़ता था। कभी भी धराशाई होने हालत वाले जीर्णशीर्ण भवन में नौनिहालों को कैसे पढ़ाया जाए और कौन उन्हें इस स्कूल में भेजेगा?

नाजिम का कहना है कि उन्होंने खुद के प्रयासों ही भवन की मरम्मत करवाई। टाइल्स लगवाए, पेंटिंग्स करवाकर दीवारों को चमक दी।

इसके अतिरिक्त पढ़ाई में भी नवीनता लेकर आए, ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे स्कूल आएं। आज बच्चे एलईडी वाली स्मार्ट क्लास में पढ़ाई करते हैं। शिक्षा के साथ-साथ बच्चों का सम्पूर्ण विकास हो, इसके लिए स्कूल परिसर में प्ले ग्राउंड भी तैयार करवाया है। यहां एक छोटा पुस्तकालय भी है, जहाँ बच्चे पूरी तरह दक्ष बन रहे हैं।

नाजिम कहते हैं- ''जब वे आए थे तो जर्जर स्कूल भवन होने की वजह से बच्चों की संख्या 60 से भी कम थी, लेकिन अब 160 से भी अधिक बच्चे स्कूल आते हैं।''

गाँव के सभी बच्चे निपुण बनें, इसके लिए नाजिम घर-घर जाकर बच्चों के माता-पिता से स्कूल भेजने का आह्वान भी करते हैं।

आज जब शिक्षा के मंदिर पैसा कमाने भर का जरिया बन गए हैं। शिक्षक भी खानापूर्ति कर सैलरी पर फोकस कर रहे हैं, वहीं नाजिम जैसे लोग भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा श्रोत हैं जो शिक्षा की नौकरी को नौकरी नहीं, जिम्मेदारी समझ कर अपने कर्तव्य को ठीक ढंग से निभा रहे हैं।