जब हम घरों
में दीप जलाते हैं।
खुशियों के
प्रकाश से आंगन भरते हैं।
तब कहीं दूर
देश की सीमा पर कोई दीपक बन अंधकार रुपी आतंक से लड़ रहा होता है।
जब हम अपनों
के साथ मिठाइयों का स्वाद लेते हैं।
तब वो,
मिट्टी की सौगंध खाकर, सिर्फ देश की सुरक्षा में खड़े रहते
हैं
ये दीवाली
सिर्फ रोशनी की नहीं।
बल्कि उनके
साहस की भी है।
इसलिए हर बार
की तरह इस दीवाली, एक दीपक उन वीर जवानों के नाम जो हमारे लिए देश की सीमा पर अपने
घरों से दूर दीवाली मनाते हैं।