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यूपी में मेधावी छात्रों में धन नहीं बनेगा बाधा, विदेश में कर सकेंगे मास्टर्स

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छात्रों को देश का भविष्य माना जाता है, और उनकी ऊर्जा, ज्ञान, और उत्साह देश को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रसिद्ध नारा भी है "छात्र शक्ति - राष्ट्र शक्ति", जो भारत में छात्रों की भूमिका को दर्शाता है, इसका सीधा तात्पर्य है कि छात्रों की शक्ति ही राष्ट्र की शक्ति है। 

छात्रों में कौशल और नवाचार की भावना होती है, जो देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है। इसी कौशल और नवाचार की शक्ति की राष्ट्र के विकास में उपयोगी बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार ने अत्यन्त सराहनीय कदम उठाया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ युवा शक्ति को कौशलयुक्त बनाने के लिए हर सम्भव प्रयोग कर रहे हैं, इसी दिशा में उन्होंने एक और निर्णय लिया है, वह है प्रदेश के मेधावी छात्रों का विदेश में पढ़ाई का सपना पूरा करने का प्रण। 

गरीब परिवारों से होने के कारण जिन मेधावी छात्रों को विदेश में उच्च शिक्षा का सपना छोड़ आमदनी में जुटना पड़ता है, यूपी सरकार अब मेधावी छात्रों का चयन कर उन्हें विदेश में पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति देने जा रही है। उच्च शिक्षा विभाग यूके के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय में मास्टर डिग्री (पीजी) करने के लिए छात्रवृत्ति देगा। इसके लिए कैबिनेट ने भारत रत्न श्री अटल बिहारी बाजपेई- चिवनिंग उत्तर प्रदेश राज्य सरकार छात्रवृत्ति योजना को हरी झंडी दे दी है। इसे वर्तमान सत्र से ही लागू किया जाना है।

योजना के तहत प्रत्येक वर्ष 5 गरीब व प्रतिभावान छात्रों को एक विषय में मास्टर डिग्री की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी। यह योजना प्रदेश सरकार व द फॉरेन कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस (एफसीडीओ) के साथ किए गए एमओयू के तहत चलाई जाएगी। इसके तहत प्रति छात्र 23 लाख रुपये की सहायता राज्य सरकार देगी। जिसमें छात्र-छात्राओं के शिक्षण शुल्क के साथ, परीक्षा व शोध शुल्क, एक छात्र के रहने के लिए खर्च, एक बार आने-जाने का हवाई जहाज का किराया शामिल होगा। जबकि बाकी का खर्च एफसीडीओ वहन करेगा।

यह योजना शैक्षिक सत्र 2025-26 से शुरू होगी और तीन शैक्षिक सत्रों 2028-29 तक चलेगी। 30 मार्च 2028 के बाद इसके संचालन के लिए एमओयू का नवीनीकरण किया जाएगा। इस योजना का लाभ देने के लिए छात्रों से आवेदन लिए जाएंगे। उच्च शिक्षा विभाग और एफसीडीओ आवेदन पत्रों के आधार पर गरीब व मेधावी छात्रों का इसके लिए चयन करेगी।

उच्च शिक्षा मंत्री के अनुसार, यह योजना गरीब व मेधावी छात्रों के लिए उनका सपना पूरा करने वाली होगी। साथ ही मेधावी छात्रों की पढ़ाई में अब धन बाधा नहीं बन सकेगा।