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कचरे से कमाई, गांव में बढ़ी सफाई

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कानपुर, उत्तर प्रदेश

कानपुर के रमईपुर गाँव ने ऐसा चमत्कार कर दिखाया है कि हर कोई दंग है। ये कहानी किसी फिल्म की नहीं, असल जिंदगी की है जहाँ कचरा अब बोझ नहीं, सोने की खान बन चुका है। दरअसल, रमईपुर ग्राम पंचायत ने स्वच्छता को कमाई से जोड़ दिया। प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट और रिसोर्स रिकवरी सेंटर के जरिए 9.5 टन प्लास्टिक इकट्ठा कर उसे प्रोसेस कर बेचा जा रहा है। केवल प्लास्टिक से ही अब तक 6000 रुपये की कमाई और वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री से 25000 रुपये से अधिक की कमाई हो चुकी है। ये तो बस शुरुआत है आगे यह आंकड़ा और बढ़ेगा। इस गाँव के 350 परिवार प्रति माह 30 रुपये देकर खुद कचरा जमा कर रहे हैं।

ग्राम पंचायत रमईपुर की अनोखी पहल; कचरे से कमाई, गांव में बढ़ी सफाई

अब तक पंचायत के खाते में 1.5 लाख रुपये से ज्यादा जमा हो चुके हैं। सोचिए गाँव वालों ने खुद पहल की और कचरे से खुद की आय का रास्ता बनाया। जहाँ पहले प्लास्टिक कचरे से नालियाँ बंद थीं, बीमारी का डर था। वहीं अब बच्चे खेलते हैं, गलियाँ साफ हैं और पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता बढ़ी है। यह बदलाव किसी सरकारी योजना का नहीं गाँव वालों की मेहनत और एक सोच का नतीजा है। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह खुद निरीक्षण करने पहुँचे और रमईपुर की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा यह मॉडल सिर्फ पर्यावरण नहीं अपितु आर्थिक आत्मनिर्भरता की मिसाल है। इसे पूरे प्रदेश में लागू करने की योजना बन रही है। अब आप भी सोचिए क्या आपके आसपास भी कचरा सिर्फ कचरा है या भविष्य का खजाना?  रमईपुर ने दिखा दिया कचरा समस्या नहीं, अवसर है। जहाँ दूसरों को गंदगी दिखी, वहाँ इन ग्रामीणों ने पर्यावरण को सुरक्षित करने और पैसे की संभावना देखी। यही असली बदलाव है।