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हवा से जहरीली गैस सोखकर ऑक्सीजन बनाने वाली डिवाइस

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मैनपुरी, उत्तर प्रदेश 

मैनपुरी के राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ऐसा प्रयोग किया है, जो अब देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने 'ब्लैक कार्बन कैप्चरिंग डिवाइस' तैयार की है, जो हवा में मौजूद कार्बन और अन्य विषैली गैसों को सोखकर उन्हें शुद्ध ऑक्सीजन में बदल देती है। यह डिवाइस 500 मीटर तक का प्रदूषण 80 से 90 प्रतिशत तक घटा सकती है और प्रदूषित शहरों के लिए नई आशा लेकर आई है। डिवाइस में सेंसर और इलेक्ट्रोड लगे हैं, जो हवा से कार्बन गैस अलग कर उसे ठोस रूप में बदल देते हैं। इस कार्बन का इस्तेमाल ईंट, सड़क, प्लास्टिक और टायर जैसी चीजें बनाने में किया जा सकता है, जिससे पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ संसाधनों का दोबारा उपयोग भी संभव होगा। यह तकनीक सामान्य एयर प्यूरीफायर से बिल्कुल अलग है, जो सिर्फ हवा को साफ करने का दावा करते हैं, जबकि यह कार्बन को स्थायी रूप से उपयोगी सामग्री में बदल देती है। इसे ट्रैफिक सिग्नल, फैक्ट्रियों, भीड़भाड़ वाले इलाकों और ईंट-भट्ठों में लगाने की योजना है। आईआईटी, कैंब्रिज और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों ने इस तकनीक की सराहना की है और इसे विश्व के बेहतरीन नवाचारों में शामिल किया है। प्रो. मत्स्येंद्र नाथ शुक्ल और उनकी टीम का यह प्रयास पर्यावरण संकट से जूझते शहरों के लिए उम्मीद की नई किरण बन गया है। यह तकनीक न केवल प्रदूषण घटाएगी अपितु भविष्य में संसाधनों का बेहतर उपयोग भी सुनिश्चित करेगी।