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उड़ते ड्रोन से चलती लैब तक, IIT कानपुर की इनोवेटिव क्रान्ति

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स्थान : कानपुर, उत्तर प्रदेश  

ग्रामीण इलाकों में रोगों की पहचान और उपचार के लिए लंबे समय तक रिपोर्ट का इंतजार अब समाप्त होने वाला है। IIT कानपुर से जुड़े स्टार्टअप योलोहेल्थ ने एक ऐसी मोबाइल पैथोलॉजी मशीन विकसित की है जो 60 से अधिक परीक्षणों के परिणाम तुरंत उपलब्ध कराती है। इस मशीन से सामान्य स्वास्थ्य जांच, लाइफ स्टाइल संबंधित परीक्षण, लिपिड प्रोफाइल, यूरिन टेस्ट, नेत्र विकार आदि 90 से अधिक जांचें की जा सकती हैं। रिपोर्ट की सटीकता 70 प्रतिशत से अधिक है। यह पूरी प्रणाली एक कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़ी है, जिससे जांच प्रक्रिया तेज और भरोसेमंद हो जाती है। वहीं, आईआईटी के शोधार्थी प्रतीक शर्मा ने बिजली की लाइनों में होने वाले हादसों को रोकने के लिए एक अनोखी डिवाइस तैयार की है। इसका उपयोग केस्को कर रहा है और जल्द ही इसे अन्य शहरों में भी लागू किया जाएगा। इस तकनीक के तहत जैसे ही लाइन में खराबी आती है, डिवाइस लाइनमैन को तुरंत सूचना भेज देती है। इससे बिजली आपूर्ति बंद हो जाती है और हादसों से बचाव संभव हो जाता है। फाल्ट ठीक होने के बाद लाइनमैन जेई को सूचना देता है, जिसके बाद ओटीपी सत्यापन के साथ बिजली आपूर्ति पुनः शुरू की जाती है।

चिड़िया की तरह उड़ने वाला ड्रोन

आईआईटी कानपुर केअनस्टेडी एयरोडायनेमिक्स विभाग ने परिंदों की उड़ान से प्रेरित ड्रोन विकसित किया है, जिसे ऑटोनॉमस ऑर्निथॉप्टर कहा जाता है। यह तकनीक प्रो. देवोपम दास के निर्देशन में तैयार की गई। शोधकर्ता श्रमन दास ने बताया कि बड़े ड्रोन का पंख 1.6 मीटर और छोटे ड्रोन का आकार मात्र 5 इंच है। इनमें विशेष धातु का उपयोग किया गया है, जिससे ये रडार की पकड़ में नहीं आते। ड्रोन को 1 किमी की ऊँचाई तक और 300 से 400 मीटर की दूरी तक उड़ाया जा सकता है। यह तकनीक सैन्य और पर्यावरणीय निगरानी में बड़ा बदलाव लाएगी।

लैपटॉप चार्ज करने वाला बैग

पीएसआईटी के छात्र ध्रुव (BBA,तीसरे वर्ष) और श्रुति (BTech, कंप्यूटर साइंस) ने ऐसा बैग और लैपटॉप टेबल बनाया है जिससे बिना बिजली कनेक्शन के लैपटॉप चार्ज किया जा सकता है। बैग में 6000mAh की बैटरी लगी है जो किसी भी समय, कहीं भी लैपटॉप को चार्ज करने में मदद करती है। यह समाधान यात्रा के दौरान काम कर रहे पेशेवरों और छात्रों के लिए वरदान साबित होगा। जेटसन रोबोटिक्स के संस्थापक जतिन ने एक ऐसा रोबोट विकसित किया है जो सोलर पैनलों की सफाई बिना पानी के कर सकता है। इस रोबोट में ब्रश और कैमरे लगे हैं, जो 1000 सोलर पैनलों की सफाई मात्र 6 घंटे में कर देते हैं। इसका पेटेंट भी कराया जा चुका है। यह तकनीक सौर ऊर्जा उत्पादन में दक्षता बढ़ाने और जल संसाधनों की बचत में मददगार साबित होगी। आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप नवाचार और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समाज की जटिल समस्याओं का समाधान प्रस्तुत कर रहे हैं। चलती-फिरती लैब से लेकर बिजली सुरक्षा, परिंदों जैसे ड्रोन, स्मार्ट बैग और रोबोटिक सफाई तक ये सभी तकनीकें मानव जीवन को आसान, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बना रही हैं। यह दिखाता है कि शोध और स्टार्टअप मिलकर भविष्य को कैसे बदल सकते हैं।