पर्यावरण संरक्षण हम सबके लिए जरुरी है। पर्यावरण के प्रति जागरूक रहना देश के प्रत्येक नागरिक के लिए कर्तव्य है। आजकल देश में वायु प्रदुषण बढ़ रहा है जिनके बहुत से कारणों में से एक प्रमुख कारण है किसानों द्वारा खेतों की पराली का जलाया जाना। पराली को जलाने से रोकने के लिए सरकार ने कानून भी बनाया है किन्तु अभी भी कुछ किसान पराली को जलाते हैं। इसी समस्या के समाधान के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पहल की है। प्रदेश के पशु पालन विभाग के द्वारा अब किसानों से पराली लेकर उसके बदले में उन्हें गोबर से बनी खाद दी जाएगी। पशुपालन विभाग के अधिकारी किसानों को पराली के लाभ बताएँगे और उनसे पराली लेकर उन्हें गोबर से बनी खाद वितरित करेंगे। इस पराली का उपयोग गौशालाओं में बिछावन और पशु आहार के रूप में किया जाएगा।

इसके साथ ही सरकार पराली जलाने वाले किसानों को लेकर भी सख्त है। प्रदेश में पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई भी की जा रही है। पराली के बदले खाद की योजना से किसानों में भी खुशी और उत्साह देखने को मिल रहा है। गोशालाओं को भी इसका लाभ मिलेगा तो वे भी आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढेंगी। पराली लेने के साथ ही गौशालाओं मे गोबर से बने उत्पादों के लिए भी सकारात्मक प्रयास चल रहे हैं। स्पष्ट है कि ऐसे छोटे–छोटे प्रयासों से ही न केवल गौशालाओं और किसानों दोनों को लाभ मिलेगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी ऐसे प्रयास सहायक होंगे।
 
                                
                                
                                
                             
                             
                             
                             
                                


