उत्तर प्रदेश में जहाँ धरातल पर विकास के नित-नए कीर्तिमान रचे जा रहे हैं। वहीं अब प्रदेश आसमान में भी छलाँग लगाने को तैयार है।
जी हाँ, उत्तर प्रदेश वह पहला राज्य बनने जा रहा है, जो जल्द ही अपनी सैटेलाइट लॉन्च करने वाला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ‘विकसित यूपी @2047’ की दिशा में ठोस पहल शुरू की है। इसके तहत यूपी में आपदाओं से निपटने के लिए आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराने की योजना है।
ISRO की सहायता से उत्तर प्रदेश सरकार ने एक ऐसी सैटेलाइट तैयार की है, जो आपदा का पूर्वानुमान कर सचेत कर सकेगी। इसके तहत मौसम पूर्वानुमान और आपदा राहत के लिए सैटेलाइट लॉन्चिंग का प्रयास किया जा रहा है। इससे बाढ़, भूकंप और हीटवेव जैसी आपात स्थितियों की रीयल-टाइम जानकारी मिलेगी और राहत कार्य तेजी से किए जा सकेंगे। सैटेलाइट के जरिए आकाशीय बिजली गिरने से पहले लोगों को उनके मोबाइल पर अलर्ट मिल जाएगा। इससे जान-माल के नुकसान में कमी आएगी।
लगभग 2 महीने पूर्व जुलाई में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने सीएम योगी से मुलाकात की थी। इस दौरान सीएम योगी ने प्रदेश में हर साल आकाशीय बिजली गिरने से हो रही औसतन 300 मौतों पर गहरी चिंता जताई थी। उन्होंने इसरो चीफ से कहा था- उत्तर प्रदेश के लिए एक सैटेलाइट तैयार किया जाए, जिससे बिजली गिरने की पूर्व चेतावनी दी जा सके। ISRO अध्यक्ष डॉ. नारायणन ने सीएम योगी के प्रस्ताव पर जल्द प्रोजेक्ट शुरू करने का आश्वासन दिया था। ये प्रोजेक्ट पूरी तरह तैयार है और अब उड़ान भरने का इंतजार है।
इससे पहले 14 जून 2025 को ISRO ने कुशीनगर जिले के तमकुहीराज तहसील में रॉकेट लॉन्चिंग का सफल प्रशिक्षण किया था। पैराशूट की मदद से उपग्रह 400 मीटर के अंदर धरती पर आ गया। रॉकेट भी पैराशूट के सहारे धीरे-धीरे धरती पर वापस आ गया। इस रॉकेट का वजन 15 किलो था और इसमें 2.26 किलो ईंधन डाला गया था। लॉन्च के समय 2.6 सेकंड के लिए ईंधन जला और रॉकेट सैटेलाइट को ऊपर लेकर गया। यूपी में इसरो का ये पहला टेस्ट था। अब आपदा प्रबंधन के लिए सैटेलाइट लॉन्च करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य बनने जा रहा है।