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देवभूमि में पैर पसार रही घुसपैठ की समस्या

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देवभूमि में पैर पसार रही घुसपैठ की समस्या 

उत्तराखण्ड को देवभूमि कहा जाता है। भारत के अनेक आध्यात्मिक तीर्थ स्थल उत्तराखण्ड में स्थित हैं। 

उत्तराखण्ड अपनी स्थापना के रजत जयंती वर्ष में पहुँच रहा है। इन 25 वर्षों में उत्तराखण्ड अनेक उतार-चढ़ाव देखते हुए विकासपथ पर अग्रसर है किन्तु इसके साथ ही उत्तराखण्ड को लेकर एक चिंताजनक बात सामने आ रही है और वह है इसकी बदलती डेमोग्राफी। पिछले अनेक वर्षों में यहाँ अवैध रूप से बाहरी मुसलमानों ने अपनी बस्तियां बना ली हैं। एक अनुमान के अनुसार, वर्ष 2001 में उत्तराखण्ड के पहाड़ी जिलों में मुस्लिम आबादी 11% के आस-पास थी लेकिन वर्तमान में यह 15% से अधिक हो चुकी है। जिससे राज्य में जनसंख्या असंतुलन की समस्या रूप ले रही है। उत्तराखण्ड के चार मैदानी जिलों में से एक हरिद्वार जो मुख्य रूप से एक हिन्दू तीर्थ स्थान है में मुस्लिम आबादी अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है। यहाँ कुल आबादी का 38 प्रतिशत भाग मुस्लिम है। इसी तरह उधमसिंह नगर में 34 प्रतिशत, नैनीताल में 32 प्रतिशत, देहरादून में 33 प्रतिशत मुस्लिम आबादी होने का अनुमान है। विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तराखण्ड में मुस्लिम आबादी की वृद्धिदर 2 प्रतिशत है। इसका मूल कारण यह है कि यहाँ दूसरे राज्यों से आकर लाखों की संख्या में मुस्लिम आकर रहने लग गये हैं। देवभूमि उत्तराखंड में मुस्लिम आबादी में अवैध मदरसों, मस्जिदों की भरमार हो गई है, सरकारी जमीनों पर कब्जे हो चुके है। यहां तक की जंगल की जमीनों पर भी मुस्लिमों ने अवैध कब्जे कर लिए है और वहां से बहुमूल्य वन संपदा का दोहन किया जा रहा है।

उत्तराखंड में मदरसों पर लगातार हो ...

बांग्लादेश और म्यांमार से आए रोहिंग्या भी इनमें बड़ी संख्या में हैं जो पहले असम, बंगाल और झारखण्ड से अपने आधार कार्ड बनवाते हैं, फिर उत्तराखण्ड आकर, यहां के मुस्लिम जनप्रतिनिधियों के नेटवर्क के जरिये संरक्षण पाकर यहाँ बसते जा रहे हैं। कभी उत्तरकाशी में मुस्लिम वोटरों की संख्या 150 के आस-पास थी जो अब 5000 से अधिक हो गयी है, देहरादून में भी यह 6000 से बढ़कर 32000 से ज्यादा हो चुकी है। इस बदलती डेमोग्राफी के गंभीर राजनीतिक और सामाजिक परिणाम हो सकते हैं। समय रहते इस समस्या पर गंभीर चिंतन करने और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। इसी गंभीर समस्या से निपटने के लिए प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने कड़े कदम उठाने आरम्भ कर दिए हैं। ‘ऑपरेशन कालनेमि’ ऐसे ही घुसपैठियों के विरुद्ध कड़ा प्रहार है जो देवभूमि की आत्मा को कुचलने के कुत्सित प्रयास में जुटे हैं। वहीं अवैध मदरसों की आड़ में चल रहे देशद्रोहियों को भी ‘मदरसा बोर्ड’ खत्म कर सरकार ने कड़ी हुंकार भरी है।