- पुराण और एएसआई रिपोर्ट बनाम मुस्लिम पक्ष का आइने-अकबरी में दावा
- मंदिर को मध्यकालीन आक्रमणों के दौरान क्षतिग्रस्त किया गया था
जौनपुर। जौनपुर के ऐतिहासिक संदर्भ में तीन प्रमुख मंदिरों के अस्तित्व का जिक्र मिलता है, जिनमें से वर्तमान में सिर्फ दो मंदिर मौजूद हैं। तीसरा मंदिर, जिसे अटाला देवी मंदिर कहा जाता है, को लेकर अब एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि -
• अटाला देवी मंदिर का उल्लेख पुराणों और अन्य ऐतिहासिक ग्रंथों में मिलता है।
• यह मंदिर कभी जौनपुर के प्रमुख धार्मिक स्थलों में गिना जाता था।
• लेकिन वर्तमान समय में इस मंदिर के अवशेष या स्पष्ट प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं, जिससे इसका अस्तित्व विवाद का विषय बन गया है।
एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की रिपोर्ट -
• एएसआई की रिपोर्ट के अनुसार:
o क्षेत्र में पुरानी संरचनाओं और मंदिरों के निशान मिले हैं।
o पुरातत्व खुदाई में मंदिरों के अवशेष मिलने की संभावना है, लेकिन अभी तक ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं।
o रिपोर्ट में यह संकेत दिया गया कि मंदिर को मध्यकालीन आक्रमणों के दौरान क्षतिग्रस्त किया गया हो सकता है।
एएसआई विशेषज्ञ का बयान -
"प्रारंभिक जांच में कुछ संकेत मिले हैं जो अटाला देवी मंदिर के अस्तित्व की ओर इशारा करते हैं। मामले की गहराई से जांच की जाएगी।"
मुस्लिम पक्ष का दावा और 'आइने-अकबरी' का हवाला -
• मुस्लिम पक्ष का कहना है कि अटाला देवी मंदिर के स्थान पर वर्तमान में एक मस्जिद मौजूद है।
• इसके पक्ष में वे अकबर के समय के ऐतिहासिक ग्रंथ 'आइने-अकबरी' का हवाला दे रहे हैं।
o आइने-अकबरी (अबुल फजल द्वारा रचित) में जौनपुर के धार्मिक स्थलों का उल्लेख है।
o इसमें कहा गया है कि जौनपुर के कुछ क्षेत्रों में प्रमुख मस्जिदों का निर्माण मध्यकालीन शासकों के आदेश पर किया गया।
मुस्लिम पक्ष का बयान :
"इस स्थान पर मस्जिद का निर्माण ऐतिहासिक रूप से प्रमाणित है। यह किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाया गया। आइने-अकबरी इसका गवाह है।"
पुराणों और स्थानीय मान्यताओं का पक्ष -
• पुराणों और स्थानीय कथाओं में अटाला देवी मंदिर का स्पष्ट उल्लेख है।
• माना जाता है कि यह मंदिर 11वीं से 12वीं शताब्दी के बीच बना था और यहां देवी की मूर्ति प्रतिष्ठित थी।
• स्थानीय हिंदू संगठनों का दावा है कि:
o मंदिर को मध्यकालीन आक्रमण के दौरान क्षतिग्रस्त किया गया।
o मस्जिद उसी स्थान पर बनाई गई है।
स्थानीय संगठन का बयान :
"यह हमारे इतिहास और आस्था से जुड़ा मामला है। एएसआई को गहन जांच करनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।"
वर्तमान स्थिति और प्रशासन का रुख -
• मामला विवादित होने के बाद प्रशासन ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
• एएसआई को मामले की गहन जांच के निर्देश दिए गए हैं।
• पुलिस और प्रशासन ने क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी है ताकि किसी भी प्रकार का तनाव न उत्पन्न हो।
आगे की जांच के प्रमुख बिंदु -
1. एएसआई की खुदाई :
क्या अटाला देवी मंदिर के अवशेष पाए जाते हैं?
2. ऐतिहासिक ग्रंथों का विश्लेषण :
पुराणों और आइने-अकबरी के दावों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा।
3. स्थानीय मान्यताओं का सत्यापन :
मंदिर से जुड़ी लोक कथाओं और सांस्कृतिक प्रमाणों की जांच होगी।