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प्रतिष्ठा द्वादशी – रामचरितमानस पाठ में श्रद्धालु भी सम्मिलित हो सकेंगे; अन्नपूर्णा मन्दिर पर रक्षामंत्री करेंगे ध्वजारोहण

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अयोध्या, 26 दिसंबर। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा आयोजित द्वितीय प्रतिष्ठा द्वादशी महोत्सव में होने वाला पंच दिवसीय संगीतमय श्री रामचरितमानस पाठ मानस प्रेमियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होगा। कार्यक्रम में मानस प्रेमी श्रोता भी गायक टीम के साथ रामचरितमानस का पाठ कर सकेंगे।

श्री श्री मां आनंदमयी मानस परिवार कानपुर द्वारा आयोजित संगीतमय श्री रामचरितमानस पाठ 22 सदस्यों द्वारा अंगद टीला पर प्रस्तुत किया जाएगा।

कार्यक्रम समन्वयक कुमार गौरव शुक्ला ने बताया कि आचार्य ऋषिकेश निवासी स्वामी विज्ञानानंद जी, कानपुर के योगेश भसीन, मुरैना के राजेश ठाकुर की देख-रेख में मानसपाठी क्रमशः मंच पर शास्त्रीय एवं सामान्य स्वरों में पाठ करेंगे। मानस प्रेमियों को कार्यक्रम से सीधा जोड़ने के लिए यह भी व्यवस्था की गई है कि अग्रिम तीन पंक्तियों में बैठने वाले श्रद्धालुओं को श्री रामचरितमानस व रहल उपलब्ध कराई जाएगी। श्रोतागण भी पाठ करने वाली टीम के साथ रुचि पूर्ण मानस पाठ कर सकेंगे। समूह का प्रयास रहेगा कि प्रतिदिन दो नवाहन पाठ पूर्ण किए जाएं। समय व परिस्थिति के अनुसार थोड़ा बहुत बदलाव भी किया जा सकता है।

अन्नपूर्णा मन्दिर पर रक्षामंत्री करेंगे ध्वजारोहण

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 31 दिसम्बर को श्री राम जन्मभूमि मन्दिर परिसर में स्थित मां अन्नपूर्णा मन्दिर पर ध्वज का आरोहण करेंगे। वे प्रतिष्ठा द्वादशी कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित होंगे। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी रहेंगे।

अति विशिष्ट शैली में होगी रामलीला

समारोह के मंच पर प्रस्तुत रामलीला परंपरा से हटकर विशेष आकर्षण का केंद्र होगी। दो दिवसीय मंचन में प्रसंग रामचरितमानस व वाल्मीकि रामायण के होंगे, किंतु प्रस्तुतिकरण गायन एवं नृत्य की अति विशिष्ट शैली में होगा।

अंगद टीला परिसर में बने समारोह मंच पर 29 व 30 दिसंबर को गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ की छात्र-छात्राओं द्वारा दो दिवसीय रामलीला का मंचन किया जाएगा। कार्यक्रम निर्देशक राहुल राज तिवारी के अनुसार पहले दिन 29 दिसंबर को कार्यक्रम परिचय के साथ स्वर्ग लोक, पुत्र कामेष्टि यज्ञ, राम जन्म एवं नामकरण संस्कार, शिक्षा ग्रहण, ताड़का वध, सीता स्वयंवर एवं परशुराम संवाद, कैकई-मंथरा संवाद, वन गमन, केवट संवाद, कैकई-भरत संवाद, भारत मिलाप, सूर्पणखा प्रसंग, सीता हरण, जटायु प्रसंग व मां शबरी भेंट सहित 17 प्रसंगों का मंचन होगा। इसी तरह दूसरे दिन 30 दिसंबर को किष्किंधा कांड के राम-हनुमान भेंट, सुग्रीव-राम भेंट, सुग्रीव-बाली युद्ध, हनुमान सीता भेंट, लंका दहन, लंका से हनुमान की वापसी, राम विभीषण संवाद, रामसेतु निर्माण, अंगद-रावण संवाद, युद्ध प्रारंभ, रावण का प्रथम दिन युद्ध में आगमन, कुंभकरण का आगमन, मेघनाथ एवं संजीवनी बूटी प्रसंग, रावण से अंतिम युद्ध व रावण लक्ष्मण संवाद सहित 16 प्रसंगों का मंचन किया जाएगा।

देश में परंपरागत रूप से होने वाली गद्य संवाद शैली की रामलीलाओं से अलग नृत्य एवं गायन संवाद को प्रमुखता दी गई है। वाद्य यंत्रों की मद्धिम पार्श्व ध्वनि के साथ कलाकारों का गीतमय संवाद अपने आप में अनोखी प्रस्तुति होगी। 40 सदस्यीय मंचन टीम में शास्त्रीय एवं सामान्य प्रचलित संगीत का मिश्रण किया गया है।