भुवनेश्वर, ओडिशा। सुरक्षाबलों ने गुप्त सूचना पर कंधमाल में संयुक्त अभियान में माओवादी गणेश उईके सहित छह नक्सलियों को ढेर कर किया
कंधमाल जिले के गंजम से सटे राम्पा के जंगलों में सुरक्षाबलों ने माओवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। ओडिशा पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG), CRPF की संयुक्त टीम ने मुठभेड़ में सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM) गणेश उईके को मार गिराया। गणेश पर कुल 1 करोड़ 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था। मुठभेड़ में दो महिला नक्सलियों सहित कुल छह माओवादी ढेर हुए।

पहली मुठभेड़ बेलघर पुलिस थाना क्षेत्र के गुमा जंगल में हुई। खुफिया जानकारी के आधार पर चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने माओवादी गुट के साथ मुठभेड़ की, जिसमें दो माओवादी ढेर हो गए। दोनों माओवादी हथियारबंद थे और घने जंगल का लाभ उठाकर सुरक्षा बलों से बचने का प्रयास कर रहे थे।
दूसरी और निर्णायक मुठभेड़ उसी दिन चकापाद पुलिस थाना क्षेत्र में हुई। इस मुठभेड़ में वरिष्ठ माओवादी नेता गणेश उइके सहित चार माओवादी ढेर हुए। इनमें दो महिला माओवादी थीं।
इस अभियान में विशेष संचालन दल (SOG), जिला स्वयंसेवी बल (DVF), केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) और सीमा सुरक्षा बल (BSF) की संयुक्त टीम शामिल थी। यह मुठभेड़ खुफिया-संकेतों के आधार पर की गई थी, जिसमें वरिष्ठ माओवादी नेताओं की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी।
गणेश की मौत से माओवादी नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है और क्षेत्र में शांति बहाली की दिशा में यह निर्णायक कदम है। आसपास के इलाकों में तलाशी जारी है और संख्या बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
गणेश उईके पिछले तीन दशकों से बस्तर और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय था। वह कई हिंसक घटनाओं, हत्याओं और आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा। माओवादी संगठन ने उसे ओडिशा की कमान सौंपी थी और वह साउथ सब जोनल का इंचार्ज था। गणेश तेलंगाना के नालगोंडा जिले के पुल्लेमला गांव का रहने वाला था और पाका हनुमंथु तथा राजेश तिवारी जैसे नामों से भी जाना जाता था।
नक्सल विरोधी अभियानों के लिहाज से वर्ष 2025 अब तक का सफल साल साबित हो रहा है। जून में केशवराव उर्फ बसवाराजू के एनकाउंटर और उससे पहले हिड़मा के सफाए के बाद सुरक्षाबलों की एक और बड़ी उपलब्धि है।
सुरक्षाबलों का कहना है कि जंगलों में शांति बहाली, विकास कार्यों को गति और आम नागरिकों की सुरक्षा प्राथमिकता है।



