नोएडा, उत्तर प्रदेश
एक बार फिर कट्टरपंथियों की शातिर, छलपूर्ण और क्रूर मानसिकता सामने आई है। यहाँ नोएडा के गढ़ी चौखंडी गांव की एक मासूम, सीधी-सादी हिंदू महिला प्रिया शर्मा को प्रेम जाल में फंसाकर उसके साथ ऐसा काला खेल खेला गया है, जो समाज को भीतर तक झकझोर देने वाला है। ये वही मानसिकता है जो हर प्रकार का हथकंडा अपनाकर हिन्दू बेटियों का मतांतरण करने में जुटी रहती है । राजा मियां उर्फ एहसान हुसैन यही है वह नाम जो हिंदू बेटियों पर शिकंजा कसता है। इस दरिंदे ने अपने माता-पिता, भाई और काजी तक को शामिल कर पूरी साजिश रच डाली। पहले विश्वास जीतना, फिर झूठे प्रेम में फंसाना और फिर बंधक बनाकर मतांतरण करवाया। यही है इनकी असली चाल। प्रिया शर्मा का नाम बदलकर 'खुशबू खातून' रख दिया गया। उसके पिता का नाम फर्जी लिखा गया। उसकी रिश्तेदारी तक मनगढ़ंत बता दी गई। यह पूरी तरह से सुनियोजित मतांतरण का खेल है। शर्मनाक बात यह है कि महिला के पति शिवम शर्मा से तलाक भी नहीं हुआ था और उसका 6 साल का बेटा है। फिर भी इस गिरोह ने शरिया कानून का हवाला देकर हिंदू परिवार को तोड़ डाला। यह सिर्फ एक महिला का मामला नहीं है यह राष्ट्र के लिए चेतावनी है। ये लोग हिन्दू बेटियों को उनके धर्म, परिवार और संस्कार से काटकर उनकी पहचान मिटाने पर आमादा हैं। हिंदू समाज को चाहिए कि ऐसे हर प्रयास के खिलाफ सख्त खड़ा हो। ये लोग न प्यार में विश्वास रखते हैं, न रिश्तों में। इनके लिए सब कुछ जिहादी मानसिकता के तहत समाज तोड़ने की साजिश है। अदालत की मदद से महिला को बरामद करना तो ठीक है, लेकिन इससे कहीं ज्यादा जरूरी है कि समाज जागे, संगठित हो और इन छद्म प्रेम के नाम पर चल रहे मतान्तरण के खेल को जड़ से खत्म करे।