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व्यसनमुक्त राष्ट्रभक्त युवा निर्माण में RSS की भूमिका जरूरी – गिरीश महाजन”

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सोलापुर

जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि व्यसनमुक्त और राष्ट्रभक्त युवा तैयार करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारों की आवश्यकता है। सोलापुर में महाराष्ट्र साहित्य परिषद दक्षिण सोलापुर शाखा द्वारा गुरुवार शाम हुतात्मा स्मृति मंदिर में विश्वराज रिस्पॉन्सिबल रिवोल्यूशन नागपुर द्वारा प्रस्तुत ‘संघ गंगा के तीन भगीरथ’ नाटक के आयोजन के अवसर पर मंत्री गिरीश महाजन मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि एक सामान्य स्वयंसेवक नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने। मैं भी संघ के कारण ही सात बार विधायक बना। इसलिए बचपन से ही सभी को संघ के विचारों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सुबह-सुबह “पोपटपंची” (व्यर्थ की बातें) करने वालों को संघ के विचारों की आवश्यकता है। नाटक के माध्यम से मुस्लिम लीग के सशक्त होने के दौरान वंदे मातरम आंदोलन के माध्यम से हिन्दू समाज को संगठित करने के लिए युवाओं द्वारा स्कूली जीवन से ही छेड़ा गया संघर्ष, लाठी-काठी से शुरू हुआ संघ का कार्य और उसे दी जाने वाली गति, साथ ही शरीर, मन और बुद्धि के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में चलने वाला कार्य, डॉक्टर केशव हेडगेवार द्वारा मात्र ९ वर्षों में संघ के कार्य का विस्तार और महात्मा गांधी द्वारा उसकी भरपूर प्रशंसा जैसे विषयों पर प्रकाश डाला गया।

डॉक्टर हेडगेवार ने कई वर्षों तक कांग्रेस में काम किया था। हालांकि, महात्मा गांधी द्वारा यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस में ऐसा संगठन क्यों नहीं बन सका, डॉ. हेडगेवार ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी में कई अच्छे लोग हैं, लेकिन मानसिकता का अंतर है। डॉक्टर हेडगेवार और महात्मा गांधी की यह मुलाकात विशेष रूप से उल्लेखनीय थी। कई लोगों को डॉक्टर हेडगेवार का महात्मा गांधी के इस सवाल का सहज जवाब पसंद आया कि संघ केवल हिन्दुओं को क्यों संगठित करता है और अन्य समुदायों को क्यों नहीं। नाटक के माध्यम से दिखाया गया कि जब नागपुर और आसपास के मुस्लिम हिन्दुओं को परेशान कर रहे थे, तब युवाओं ने वंदे मातरम आंदोलन का संघर्ष छेड़ा और संगठित हिन्दू समाज ही सभी का जवाब है। क्रांतिकारी विचारों वाले और कांग्रेस के सक्रिय सदस्य डॉक्टर हेडगेवार ने राष्ट्रहित और समाज संगठन के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। उनके संघर्ष को भी नाटक में बताया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माध्यम से अनुशासन, त्याग और समर्पण का संदेश देने वाले द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर (श्री गुरुजी) और तृतीय सरसंघचालक मधुकर दत्तात्रेय देवरस उपाख्य बालासाहब देवरस के जीवन-कार्य पर भी नाटक के माध्यम से प्रकाश डाला गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक रवींद्र भुसारी के मार्गदर्शन में हुतात्मा स्मृति मंदिर के मंच पर ‘संघ गंगा के तीन भगीरथ’, तीन अंकीय नाटक प्रस्तुत किया गया। विश्वराज रिस्पॉन्सिबल रिवोल्यूशन और राधिका क्रिएशन द्वारा प्रस्तुत नाटक का लेखन श्रीधर गाडगे ने किया है। संजय पेंडसे इसके निर्देशक हैं। सारिका पेंडसे इसकी निर्माता हैं और सतीश पेंडसे ने इसकी नेपथ्य (सेट डिजाइन) किया है। रमन सेनाड, नीलिमा बावणे और अरुणा पुरोहित ने निर्माण सहायक के रूप में काम किया।