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गुमशुदा मंदिरों का पुनरुद्धार, मेयर प्रमिला पांडे का बड़ा अभियान

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- बेकनगंज के पास 100-125 साल पुराने तीन मंदिरों को कब्जे से मुक्त कराया

- पुलिस ने क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने का दावा

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में गुमशुदा और बंद पड़े मंदिरों को पुनः खोजने और उन्हें पुनर्जीवित करने का अभियान तेज हो गया है। इस पहल की अगुवाई कर रहीं कानपुर की मेयर और वरिष्ठ बीजेपी नेता प्रमिला पांडे ने मुस्लिम बहुल इलाकों में जाकर पुराने मंदिरों का निरीक्षण किया। यह कदम क्षेत्र में धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार और पूजा-पाठ की बहाली के उद्देश्य से उठाया गया है।

मंदिरों का निरीक्षण -

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेयर प्रमिला पांडे शनिवार (21 दिसंबर 2024) को भारी पुलिस बल के साथ बेकनगंज क्षेत्र के दौरे पर निकलीं। उन्होंने एक-एक करके पाँच मंदिरों का निरीक्षण किया। इनमें से एक मंदिर, राम जानकी मंदिर, पर पहले से कब्जा था और वहाँ बिरयानी बनाने की शिकायतें मिली थीं। यह मंदिर अब शत्रु संपत्ति घोषित होने के बाद सील कर दिया गया है।

मेयर ने एक अन्य मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, का दौरा किया जहाँ शटर लगा हुआ था और अंदर कूड़ा भरा था। उन्होंने तुरंत अधिकारियों को इसे खाली करने और मंदिर की मरम्मत कराने का निर्देश दिया। शिव मंदिर का दौरा करने पर शिवलिंग के अवशेष मिले, लेकिन शिवलिंग गायब था।

मंदिरों की सुरक्षा और संरक्षण -

मेयर ने यह सुनिश्चित करने का वादा किया कि इन मंदिरों को पुनः पूजा-अर्चना के लिए तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंदिरों की सुरक्षा और संरक्षण स्थानीय समुदाय की जिम्मेदारी है। साथ ही मंदिरों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

मेयर प्रमिला पांडे ने कहा कि इस जगह को सुनार गली कहते हैं। यहाँ पर अग्रवाल समुदाय के लोग रहते थे। कहा जाता है कि यहाँ हर 10 घर के बाद एक मंदिर और कुआँ हुआ करता था। जो अब नहीं है। अगर हमारे मंदिर हैं तो मूर्तियाँ कहाँ गई? किसी भी धर्म-समुदाय के लोग हों अगर मंदिर वहाँ पर है तो उसकी सुरक्षा करना वहाँ के लोगों का कर्तव्य है। अब यहाँ पर मंदिर नहीं है। इन लोगों को खाली करना पड़ेगा। यहाँ पर अब फिर से पूजा पाठ होगा।

कानपुर में मंदिरों की स्थिति -

आरटीआई से खुलासा हुआ था कि कानपुर में 325 मंदिर स्थित हैं, जिसमें से मुस्लिम बहुल इलाकों में स्थित 125 मंदिरों पर कब्जे हैं। सनातन मठ मंदिर रक्षा समिति के अनुसार, कानपुर के मुस्लिम बहुल इलाकों में 325 मंदिरों की पहचान की गई है, जिनमें से 125 मंदिरों पर कब्जा किया जा चुका है। समिति ने अब तक 35 मंदिरों की खोज की है, जो पूरी तरह खंडित हो चुके हैं।

इससे पहले, मेयर के अभियान से पहले कानपुर नगर निगम ने अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चलवाया था। बेकनगंज के पास 100-125 साल पुराने तीन मंदिरों को कब्जे से मुक्त कराया गया और उनकी सफाई की गई। इनमें एक शिवजी और दो हनुमानजी के मंदिर शामिल थे।

पुलिस की भूमिका -

कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने बताया कि बेकनगंज थाना क्षेत्र में मंदिरों के विषय में शिकायतें प्राप्त हुई थीं। पुलिस ने स्थलीय निरीक्षण के बाद तीन मंदिरों को कब्जे से मुक्त कराया। पुलिस ने क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने का दावा किया है।

मेयर प्रमिला पांडे का यह कदम कानपुर के बंद और गुमशुदा मंदिरों को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय समुदायों की भागीदारी को प्रोत्साहन मिलेगा।