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स्वयं सहायता समूह से बदला महिलाओं का जीवन

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देहरादून, उत्तराखण्ड

आज के समय में महिलाओं का जीवन तेजी से बदल रहा है। जी हां महिलाएं घर और खेत में काम करने के साथ-साथ स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं। समूह से पांच लाख से ज्यादा महिलाएं जुड़कर अपनी मेहनत से अच्छी कमाई कर रही है और देखते ही देखते ग्राम्य विकास विभाग की सहायता से राज्य में करीब 68,000 समूह बनाए जा चुके हैं, बता दें मात्र तीन वर्ष में यह उपलब्धि महिला सशक्तीकरण की दिशा में बड़ा और ठोस कदम है। ऐसे में वह दिन दूर नहीं, जब स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी सभी महिलाएं लखपति दीदी बन जाएंगी। वही महिलाओं की इस उपलब्धी में लखपति दीदी योजना की बड़ी भूमिका है, क्योंकि पहले स्वयं सहायता समूह द्वारा बनें उत्पादों को सही बाजार और सही कीमत मिलना कठिन था। इसी कारण नवंबर 2022 में लखपति दीदी योजना शुरू की गई ताकि समूहों से जुड़ी हर महिला की वार्षिक आय एक लाख रुपये से अधिक हो और उनके उत्पादों में सुधार और बिक्री की व्यवस्था हो वही योजना की शुरुआत से अब तक 1,68,837 महिलाएं लखपति बनने की राह पर हैं और सालाना एक लाख रुपये से अधिक कमा रही हैं। महिलाएं न केवल घर संभाल रही हैं, बल्कि अपनी मेहनत और लग्न से अच्छी कमाई करके अपने साथ-साथ परिवार और समाज का भी उत्थान कर रही हैं।