उत्तराखण्ड
भगवान के दर्शन के लिए पवित्र धाम शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाते हैं। इसी क्रम में तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ और पिथौरागढ़ में स्थित भगवान शिव-पार्वती मंदिर के कपाट पूजा पाठ के बाद बंद कर दिए गए है। जानकारी के अनुसार तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह डोली अपने प्रथम पड़ाव चोपता के लिए रवाना हुई। इस शुभ अवसर पर 500 से अधिक श्रद्धालु उपस्थित रहे और कपाट बंद होने की प्रक्रिया के साक्षी बने। वही इस वर्ष लगभग 1.5 लाख तीर्थयात्रियों ने तुंगनाथ धाम में दर्शन किए।
इसी दिशा में पिथौरागढ़ के आदि कैलाश क्षेत्र में भी भगवान शिव पार्वती मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए हैं। यह मंदिर ज्योलिंगकांग के पास स्थित है और हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन कपाट बंद किए जाते हैं। कपाट बंद होने से पहले 500 से अधिक श्रद्धालुओं ने भजन-कीर्तन के साथ दर्शन किए। यह मंदिर समुद्र तल से करीब 14,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। ठण्ड और भारी बर्फबारी की संभावना को देखते हुए हर वर्ष की तरह इस बार भी समय से मंदिर बंद किया गया है। अब मन्दिर के कपाट अगले साल मई महीने में दोबारा खोले जाएंगे।



