आजमगढ़,यूपी
अगर तुम ठान लो, तो तारे गगन के तोड़ सकते हो, तूफान का रुख मोड़ सकते हो, कवि रामधारी सिंह दिनकर की ये पंक्तियां उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ निवासी रवि सिंह पर बिल्कुल सटीक बैठती है। साल 2001 में आईटी इंजीनियर रवि सिंह को जापान में 25 लाख सालाना के अच्छे पैकेज पर नौकरी तो मिल गई। लेकिन आत्मसंतुष्टि का अभाव उन्हें खलता रहा। रवि सिंह ऐसे काम की तलाश में हमेशा रहते जिससे वे रुचि के काम के साथ आमदनी भी कर सकें। यही सोचकर रवि सिंह 25 लाख की नौकरी छोड़ गांव लौट आए और मशरूम की खेती शुरू कर दी। मात्र 3 सालों के अंदर रवि सिंह यूपी के मशरुम किंग बन गए। मशरूम के व्यापार से वे 25 करोड़ रुपये सालाना कमा रहे हैं। आस-पास के युवा उनसे प्रेरणा ले रहे हैं। 3 साल पहले साल 2020 में रवि ने मशरूम के व्यापार के लिए किराए पर प्लांट लिया। इस प्लांट से प्रतिदिन 25 से 30 क्विंटल तक मशरूम का उत्पादन होता है। मार्केट में मशरूम की कीमत प्रति किलो ₹250 से ₹300 होती है ऐसे में 25 से 30 क्विंटल प्रतिदिन के उत्पादन के हिसाब से रोजाना 5 से 6 लाख रुपए तक का व्यापार आसानी से हो जाता है। आत्मनिर्भर बने रवि सिंह ने इस व्यापार से 150 कर्मचारियों को भी रोजगार दिया है. उनका कहना है कि इस कंपनी को शुरू करने में 20 से 25 लख रुपए का इन्वेस्टमेंट किया था, जिसमें सरकार की योजनाओं का भी लाभ उन्हें प्राप्त हुआ था. अपनी कड़ी मेहनत और जज्बे के बल पर महज 3 सालों के अंदर ही उन्होंने अपनी इस कंपनी को पहले पूर्वांचल और फिर अब उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी मशरूम मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में बदल डाला। आज इससे सालाना 25 करोड रुपए तक का टर्नओवर होता है। 25 लाख सालाना पैकेज वाले रवि सिंह आत्मनिर्भर बनकर 25 करोड़ सालाना कमा रहे हैं। जिसके कारण वे आसपास के युवाओं के लिए मिसाल बन गए हैं।