कृष्णकुमार चौधरी का जन्म अविभाजित बंगाल के चटग्राम के केलीशहर में हुआ था। किशोरावस्था में ही वे क्रान्तिकारियों के सम्पर्क में आ गए। जल्द ही वे क्रान्तिकारी नेताओं के प्रिय बन गए। 18 अप्रैल 1930 के विद्रोह और जलालाबाद पहाड़ी पर बलिदान की घटना ने उनके मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव छोड़ा। 1934 में सूर्य सेन और तारकेश्वर दस्तीदार को मौत की सजा हुई। जिसका बदला लेने के लिए कृष्णकुमार ने तीन साथियों के साथ मिलकर योजना बनाई और 7 जनवरी 1934 को पुलिस सुपर पीटर क्लीरी पर हमला कर दिया। परन्तु पीटर किसी प्रकार बच गया। जबकि पीटर का ड्राइवर मारा गया। बौखलाए पुलिसकर्मियों ने उनके एक साथी को मार दिया। जबकि कृष्णकुमार और हरेंद्रलाल चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया। मिदनापुर सेंट्रल जेल लाकर 5 जून 1934 को उन्हें फांसी दे दी गई। मात्र 17 वर्ष की आयु में वे देश के लिए बलिदान हो गए।
इतिहास
कृष्णकुमार चौधरी जी के बलिदान दिवस पर शत्-शत् नमन
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कृष्णकुमार चौधरी जी के बलिदान दिवस पर शत्-शत् नमन
1916 - 05 जून
1934